कोटा. राजस्थान के कोटा में विद्यार्थियों की आत्महत्या की घटनाएं एक बार फिर सामने आने लगी हैं. इस बार शहर के जवाहर नगर थाना इलाके में एक कोचिंग छात्रा की आत्महत्या का मामला सामने आया है. छात्रा उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी. वह कोटा में रहकर निजी कोचिंग से मेडिकल एंट्रेस एक्जाम नीट की पढ़ाई कर रही थी. बता दें कि हाल ही में तीन दिन पहले भी पश्चिम बंगाल के एक कोचिंग छात्र ने आत्महत्या की थी. वहीं, कोटा शहर एसपी शरद चौधरी ने मीडिया से कहा कि कोचिंग संस्थान को भी इस संबंध में नोटिस दिया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.
जवाहर नगर थाने में डीओ ड्यूटी कर रहे हेड कांस्टेबल रणजीत सिंह ने मृतका के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 22 वर्षीय मृतका निशा पुत्री असन सिंह यादव जो उत्तर प्रदेश के ओरिया जिले के नगला जोधा की निवासी है, वह महावीर नगर प्रथम स्थित एक हॉस्टल में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करती थी. वह सिटी मॉल इलाके में स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान की स्टूडेंट थी.
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परिजनों का नहीं उठा रही थी फोन : हेड कांस्टेबल रणजीत सिंह ने बताया कि छात्रा लंबे समय से देर रात को जागकर पढ़ाई करती थी, लेकिन गुरुवार रात को वह परिजनों का फोन नहीं उठा रही थी. इस संबंध में उसके परिजनों ने हॉस्टल संचालक को फोन किया. इसके बाद हॉस्टल संचालक ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. इसके बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी. पुलिस कंट्रोल रूम ने बुधवार रात में 1:45 बजे जवाहर नगर थाना पुलिस को बताया और उसके बाद पुलिस हॉस्टल में पहुंची, जहां पुलिस ने दरवाजे को तोड़ा तो छात्रा को आत्महत्या की स्थिति में पाया. पुलिस ने उसके शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है.
जिद्द करके आई थी कोटा, पढ़ने में भी थी होशियार : बालिका का पूरा परिवार गुरवार सुबह कोटा पहुंचा और फिर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम हुआ. उसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. छात्रा की मां और भाई के साथ-साथ पिता के भी आंखें पूरी तरह से नम थीं. परिजन लगातार रो रहे थे. बालिका के पिता औसान सिंह का कहना है कि निशा कोटा जिद्द करके आई थी. बीते साल उसने घर से ही ऑनलाइन तैयारी करके नीट का एग्जाम दिया था, जिसमें उसके 405 नंबर आए थे. इसके बाद वह परिजनों से जिद्द कर रही थी. वह कोटा जाएगी और उसके पिता और औसान सिंह का कहना है कि निशा के 715 नंबर एग्जाम में आ रहे थे.
लगातार अंतराल पर मिलकर जाता रहा हूं : पिता औसान सिंह का यह भी कहना है कि वह लगातार ही उससे मिलने के लिए आ रहे थे. बेटी का मई महीने में कोटा में दाखिला करवाया गया था, साथ ही 18 नवंबर को उसका हॉस्टल भी चेंज करवाया था. पहले वह राजीव गांधी नगर में रह रही थी, अब महावीर नगर प्रथम में उसको एक हॉस्टल में रखा था, जहां पर ही उसने सुसाइड किया है. पिता का कहना है कि वह 18 से 23 नवंबर तक बेटी के साथ ही रहे थे और लगातार अंतराल पर उससे मिलने के लिए आते रहे हैं. उसको सिर दर्द की कोई प्रॉब्लम थी, इसके चलते वह परेशान रहती थी. दीवाली पर भी गांव यूपी गई थी. इसके अलावा बीच में भी कई बार वह घर पर गई है.
पंखे में सुसाइड प्रीवेंशन रॉड नहीं : कोटा के सभी हॉस्टल्स के पंखों में सुसाइड प्रीवेंशन रॉड होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जिस हॉस्टल में यह सुसाइड हुआ है, वहां के पंखों में सुसाइड प्रीवेंशन रॉड नहीं थी. जबकि जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश इस संबंध में जारी किए हुए है. पुलिस बालिका के कमरे में किसी तरह का कोई सुसाइड नोट मिलने की बात से इनकार कर रही है. हालांकि, इस संबंध में पुलिस ने किसी भी तरह की कोई बातचीत करने से इनकार कर दिया.
जिला कलेक्टर ने बुलाई औचक मीटिंग : जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद मीणा ने हॉस्टल कोचिंग संस्थानों की मीटिंग तीन दिन में 2 आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद बुलाई है. कलेक्टर मीणा का कहना है कि पहले भी उन्होंने कोचिंग संस्थान को नोटिस दिया था. इस संबंध में जब हॉस्टल रूम में पंखे पर हैंगिंग डिवाइस नहीं लगी हुई थी तो कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बालिका बीमार रहती थी. इसी के चलते तनाव में भी थी. हालांकि, पूरे मामले की जांच के बाद ही सुसाइड के तथ्य सामने आ पाएंगे. इस मामले में भी अगर प्रशासन के दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना नहीं हो रही है, तो नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. हमने मीटिंग के जरिए आगे सुसाइड मामलों की रोकथाम के लिए प्रयास कर रहे हैं.
एसपी बोले कोचिंग संस्थान को दिया नोटिसः मीटिंग के बाद कोटा शहर एसपी शरद चौधरी ने मीडिया से कहा कि कोचिंग संस्थान को भी इस संबंध में नोटिस दिया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. कोचिंग संस्थान, हॉस्टलों को जारी की गई गाइडलाइन की निर्देशिका में अगर कहीं कमी पाई जाती है, तो उस पर भी एक्शन लिया जाएगा. एसपी चौधरी ने यह भी कहा कि हॉस्टल संचालक को हमने बुलाया था, उसने माना है कि उसके हॉस्टल में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगी हुई है. ऐसे में प्रशासन की गाइडलाइन नहीं मानने के खिलाफ जिस तरह की कार्रवाई होगी, वह की जाएगी.