नई दिल्ली :संसद की एक समिति ने सुझाव (A committee of Parliament suggested) दिया है कि स्कूली पाठ्य पुस्तिकाओं में इतिहास पर प्रभाव डालने वाले अनाम लोगों को रेखांकित किया जाना चाहिए.
संसद के दोनों सदनों में पेश स्कूली पाठ्य पुस्तिकाओं (School textbooks) की सामग्री एवं डिजाइन विषय पर शिक्षा, महिला, बाल और युवा एवं खेल मामलों की संसदीय समिति की रिपोर्ट में समिति ने कहा कि इसके लिए सामग्री तैयार करने वाली टीम को स्थानीय संसाधनों का गहरा अध्ययन करने एवं मौखिक सहित अन्य प्रकार की जानकारी जुटाने की जरूरत होगी.
इसके साथ ही स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर इनसे जुड़े संबंधों की पहचान भी करनी पड़ सकती है. राज्यसभा में भाजपा के सदस्य विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि इस प्रकार से पाठ्य पुस्तिकाओं को भारत की विविधता में एकता के भाव को प्रदर्शित करना चाहिए.
समिति ने सुझाव दिया कि स्कूली पाठ्य पुस्तिकाओं में देश के विभिन्न राज्यों एवं जिलों के ऐसे अनाम पुरूषों एवं महिलाओं के जीवन को रेखांकित किया जाना चाहिए जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय इतिहास एवं अन्य पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला है.
रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (National Council of Education Research and Training) के निदेशक ने समिति को बताया कि पाठ्य पुस्तकों में इतिहास से परे तथ्यों को हटाने एवं हमारे राष्ट्रीय विभूतियों के बारे में बातों को तोड़ मरोड़ की पेश करने के मुद्दे पर एनसीईआरटी एक समिति गठित करने की प्रक्रिया में है.