देहरादून:अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case) को लेकर उत्तराखंड सहित पूरे देशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है. अंकिता के हत्यारों के खिलाफ आम जनता, सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों ने गांव-गांव और शहर-शहर में विरोध प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मौजूदा समय में पुलिस पर भी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने का दबाव है, लेकिन क्या आपने यह सोचा है कि इस पूरे मामले पर अगर एक दोस्त की दोस्ती ना होती तो शायद यह मामला इतनी जल्दी सबके सामने न आता.
आपने यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार यह पूरा मामला कब और कैसे सामने आया. कुछ साल पहले जैसे दिल्ली में उस रात हुए निर्भया कांड (nirbhaya case) में जिस तरह से उसके दोस्त ने अंत समय तक उसका साथ दिया और आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया. उसी तरह अंकिता भंडारी हत्याकांड में भी दोस्त ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
पुष्प ने निभाई दोस्ती: अमूमन यह होता है कि अगर किसी व्यक्ति के सामने छोटा सा एक्सीडेंट या कोई भी वारदात हो जाए तो व्यक्ति गवाही देने से बेहद घबराता है. अगर उसका सीधा संबंध किसी वारदात से हो जाए तो वह बेहद परेशान हो जाता है. लेकिन अंकिता भंडारी हत्याकांड में जम्मू कश्मीर में रहने वाले पुष्प ने जिस तरह से अपनी दोस्ती निभाते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.
ऐसे बने अंकिता और पुष्प दोस्त: इस दोस्ती के बारे में हम आपको कुछ बताएं उससे पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार इन दोनों की मुलाकात कैसे हुई. बताया जाता है कि पुष्प की सोशल मीडिया पर अंकिता भंडारी से दोस्ती हुई (Pushp befriends Ankita on social media) थी. दोनों के बीच बातें होने लगी और एक दूसरे पर विश्वास बढ़ने लगा. हत्या से कुछ दिन पहले ही अंकिता भंडारी अपने दोस्त पुष्प से मिली (Ankita Bhandari met her friend Pushp) थी. इससे पहले नौकरी खोजने में भी पुष्प ने अंकिता भंडारी की मदद की थी. पुष्प ने ही अंकिता को बताया था कि देहरादून और ऋषिकेश स्थित इन-इन जगहों पर वह अपना बायोडाटा दे सकती है. ताकि उसे घर के पास ही नौकरी मिल जाए और हुआ भी ऐसा ही. लेकिन इसे समय की क्रूरता ही कहेंगे की जो दोस्त अंकिता का साथ देकर उसे रिजॉर्ट का पता बता रहा था, वही रिजॉर्ट अंकिता की मौत का कारण बन गया.
पुष्प के बयान से मिली अंकिता मामले में सफलता: जिस रात अंकिता की हत्या हुई, उस रात अंतिम बार अंकिता की पुष्प से लंबी बातचीत हुई थी और पुष्प ही ऐसा पहला इंसान था, जिसको कुछ अनहोनी होने का अंदेशा हुआ था. बातचीत के दौरान पुष्प ने बार-बार इस बात पर फोकस रखा कि अंकिता उसे सारी बातें दिल खोल कर बताएं. यही कारण रहा कि जैसे ही अंकिता के दोस्त को शक हुआ, उसने वैसे ही परिवार के लोगों से संपर्क किया.