वाराणसीःज्ञानवापी परिसर से जुड़े अलग-अलग तीन मामलों में बुधवार को जिला कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें सबसे महत्वपूर्ण ज्ञानवापी परिसर में चल रहे एएसआई सर्वे की कार्यवाही के कवरेज न कराए जाने संबंधी मुस्लिम पक्ष की याचिका पर भी कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि मीडिया स्पॉट रिपोर्टिंग नहीं करेगी. स्पॉट से दूर होकर मीडिया कवरेज कर सकती है. लेकिन, अंदर चल रहे सर्वे से जुड़ी जानकारी तस्वीर, वीडियो या परिसर का कोई भी अन्य हिस्सा जो पिछले दिनों भी कमीशन की कार्यवाही में सामने आया था, उसको भी मीडिया नहीं दिखाएगा. जिला कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि मीडिया कवरेज कर सकती है. लेकिन, गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए अंदर चल रहे सर्वे से जुड़े तथ्यों को नहीं दिखाना है. वहीं, सर्व रोकने की अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से आज दायर की गई याचिका पर भी कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख 17 अगस्त निर्धारित की है.
इस बारे में वादी पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी और मदन मोहन यादव ने बताया कि मीडिया कवरेज को लेकर मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर की थी. इसमें यह मांग की गई थी कि अंदर जिन हिस्सों का सर्वे नहीं हुआ है, उससे जुड़े और तमाम अन्य जगहों को लेकर तथ्यों से अलग जानकारी मीडिया दिखा रही है. यही नहीं जो तस्वीरें पिछली कार्यवाही की हैं, उसे भी वायरल किया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि मीडिया अंदर की तस्वीरों को नहीं दिखाएगा. अंदर के वीडियो प्रसारित नहीं किए जाएंगे. एएसआई का सर्वे गोपनीय है. इससे जुड़ी गोपनीय रिपोर्ट बिना लीक किए सीधे कोर्ट में दाखिल होगी. कोर्ट ने कहा कि ना ही एएसआई की टीम और ना ही सर्वे से जुड़े अन्य लोग मीडिया से इस मामले में कोई भी बातचीत करेंगे और ना ही उससे संदर्भित कोई भी अन्य जानकारी साझा करेंगे.
कोर्ट ने मीडिया को स्पोर्ट रिपोर्टिंग न करने की भी सलाह दी है. मौखिक आदेश दिया है कि स्पॉट से दूर होकर मीडिया अपना कार्य करें. कोर्ट में तीन अन्य मामलों की भी सुनवाई हुई. इसमें राखी सिंह की तरफ से दायर की गई मुस्लिम पक्ष के प्रवेश को रोकने की याचिका पर भी बहस आज की गई. इस पर कोर्ट अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित करेगा. इसके अतिरिक्त आज मुस्लिम पक्ष की तरफ से सर्वे रोकने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस प्रकरण पर 17 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. इसमें हिंदू पक्ष अपनी बातों को लिखित रूप से दाखिल करेगा. इसके अलावा शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से दायर की गई पिछले दिनों एक याचिका पर भी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस मामले के लिए भी अगली तारीख निर्धारित की है.