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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी धरती पर बोझ हैं : गृह मंत्री विज - मंत्री अनिल विज का लाउडस्पीकर पर अजान पर प्रतिक्रिया

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने राम को भगवान मानने से इंकार किया है. उनके इस बयान पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने मांझी को धरती पर बोझ बताते हुए कहा उनको हिंदुस्तान के इतिहास और संस्कृति की समझ ही नहीं है.

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज

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Published : Apr 16, 2022, 1:45 PM IST

अंबाला: बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं. बिहार के जमुई जिले में स्थित सिकंदरा में भीमराव अंबेडकर जयंती में शामिल होने आए मांझी ने लोगों को संबोधित करते हुए भगवान राम पर ही सवाल उठा दिए. उन्होंने कहा कि राम कोई भगवान नहीं हैं. अब मांझी के इस बयान पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने जवाब देते हुए जीतन राम मांझी को धरती का बोझ बताया है.

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज

हरियाणा के गृह एंव स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा जीतन राम मांझी को हिंदुस्तान के इतिहास और संस्कृति की समझ ही नहीं (Anil Vij Reaction On jitan Ram Manjhi) है. जिस देश मे इतनी बड़ी संख्या में हिन्दू रहते हो वहां यह कहना ठीक नहीं है. यह सबका अपमान है. भगवान राम सबके रोम-रोम में बसते हैं. वहीं लाउडस्पीकर अजान को लेकर चल रहे विवाद पर हरियाणा के गृह एंव स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कानून सबके लिए बराबर है. किस समय कितनी फ्रीक्वेंसी में लाउडस्पीकर बजाया जाए इसका सभी को ध्यान रखना चाहिए. जाति, भाषा, क्षेत्र के आधार पर छूट नहीं होनी चाहिए. सरकारों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.

क्या कहा था मांझी ने?पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने छुआछूत की प्रथा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि महाकाव्य रामायण के अनुसार भगवान राम ने वनवासी भक्त शबरी द्वारा चढ़ाए गए जूठे फलों का सेवन किया था. किंवदंती है कि शबरी, जिसे दलित एक सांस्कृतिक प्रतीक मानते हैं हर फल को दांत से काटकर चखती है कि कहीं भगवान राम को कड़वा फल न चखना पड़े और भगवान राम ने बिना किसी घृणा भाव के जूठे फल को खाया. उच्च जाति के लोग अस्पृश्यता को दूर करने के लिए ऐसे उदाहरण का पालन क्यों नहीं करते हैं? मुझे नहीं लगता कि भगवान राम एक भगवान थे. रामायण में बहुत-सी अच्छी बातें लिखी गई हैं पर वह सिर्फ कहानी है. यह सच्ची घटना नहीं है. रामायण में लिखी बातों का अनुसरण करना गलत नहीं है पर वे भगवान राम को नहीं मानते हैं.

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