ओंगोल: आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में एक रेस्टोरेंट में एक शख्स के चोर होने के शक पर कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. स्थानीय नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती. साथ ही अपराधी का सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी नेताओं के साथ करीबी संबंध होने का आरोप लगाया.
प्रकाशम जिले के ओंगोल में एक रेस्तरां में आधी रात को हुई हत्या के मामले में ये लेटेस्ट घटनाक्रम है. दलित समुदाय के नेता पुलिस की लापरवाही से नाराज हैं. उनका कहना है कि जब रेस्टोरेंट में उस शख्स की पिटाई की जा रही थी तो पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी. रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को बुधवार रात को दो लोगों पर चोर होने का शक हुआ.
नेताओं का आरोप है कि कर्मचारियों ने दोनों की बेरहमी से पिटाई की. उनमें से एक ने गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया. इसके साथ ही कर्मचारियों ने दूसरे पीड़ित को वहां से भगा दिया. मृत व्यक्ति के शव को झाड़ियों में फेंक दिया. दलित समुदाय के नेताओं ने मृतक की पहचान केशिनेनिवारिपलेम गांव के दलित मोलाथोटी वेंकटराव (43) के रूप में की. उन्हें पता चला कि वह एक मजदूर था और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. साथ ही यह भी पता चला कि वह कुछ दिन पहले पत्नी से झगड़ा कर घर से चला गया था. घटना की रात एक अन्य व्यक्ति के साथ वह रेस्टोरेंट पहुंचा. कर्मचारियों को उन पर चोर होने का संदेह हुआ.
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दलित समुदाय के नेताओं ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि रेस्टोरेंट का प्रबंधक जिले के सत्तारूढ़ दल के नेताओं का करीबी है. इसलिए पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. मडिगा कल्याण संघर्ष समिति के नेता सुजान मडिगा, दलित अधिकार संरक्षण समिति के नेता नागेंद्र राव, वेंगाला राव और दारा अंजैया ने मृतक के परिवार को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया.