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Andhra Pradesh News: आंखों पर पट्टी बांधकर सुडोकू सॉल्व करता है यह युवक, एक माह में अपने नाम किए 5 रिकॉर्ड्स

आंध्र प्रदेश के नंद्याला जिले में एक युवक ने सिर्फ एक माह में पांच रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं. युवक ने सुडोकू को सॉल्व कर पांच रिकॉर्ड हासिल किए हैं. वह बचपन से ही सुडोकू सॉल्व करता आ रहा है, जिसके चलते उसने अब इसे आंख बंद करके सॉल्व करने में महारत हासिल कर ली है.

young man solving sudoku
सुडोकू हल करने वाला युवक

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Published : Mar 31, 2023, 5:40 PM IST

नंद्याला: यदि बच्चों में बहुत कम उम्र से ही उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जाए तो वे बड़े होकर कुछ कर गुजरते हैं. नंद्याला जिले के एक युवक ने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. इस युवक ने सिर्फ पढ़ाई के अलावा अपनी रुचियों को भी पहचाना. इस युवक ने सिर्फ एक महीने में 5 रिकॉर्ड तोड़े और देश में एक अलग पहचान हासिल की है. इस युवक का नाम जसवंत सुनीत है, जो आंखों पर पट्टी बांधकर सुडोकू करता है.

बता दें कि जसवंत सुनीत आंध्र प्रदेश में नंद्याला जिले के नंदीकोटकुर शहर का रहने वाला है. उसके माता पिता का नाम रेणुकादेवी और चंद्रमोहन है. उसने 10वीं तक की पढ़ाई अपने गांव में ही की. इसके बाद उसने बैंगलोर के एक निजी विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. जसवंत में बचपन से ही कुछ नया करने की सोच और जज्बा था. हर किसी की तरह इधर-उधर घूमने की जगह इनाडु और द हिंदू जैसी पत्रिकाओं को पढ़ने में उनकी रुचि बढ़ गई थी.

उसने इसमें पजल और सुडोकू करने में अपना मन लगाया. छुट्टियों में सब खेलते तो वह संडे मैगजीन से पजल और सुडोकु को सॉल्व करता था. जसवंत का कहना है कि अपने कॉलेज के दिनों में भी यह दिलचस्पी कम नहीं हुई. वह कक्षा में बैठकर सुडोकू का अभ्यास करते था. अध्यापकों ने उसकी इस रुचि को पहचाना और उसे प्रोत्साहित किया. जब इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उससे संपर्क किया, तो उन्होंने उसकी प्रतिभा को पहली बार देखा और रिकॉर्ड को उनके नाम कर दिया.

जसवंत ने सिर्फ एक महीने के अंदर 5 प्रतिष्ठित रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं. इनमें कर्नाटक अचीवर्स बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स शामिल है. सुडोकू कितना भी मुश्किल क्यों न हो, आंखों पर पट्टी बांधकर जसवंत इसे महज 6 मिनट 32 सेकंड में पूरा कर सकता है. सुडोकू ही नहीं शतरंज और टेनिस में भी इस युवक का जलवा है.

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जानकारी के अनुसार जब उसके पिता चंद्रमोहन बीमार पड़े, तो उन्होंने अपना 60 फीसदी लिवर दान कर दिया था. उसने 18 साल की उम्र में अपना लिवर दान किया, जिसके बाद उसे कम उम्र में अंग दान करने वाले व्यक्ति के रूप में पहचाना जाने लगा. कई खूबियों वाले जसवंत बहुत से लोगों के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरे हैं, वह भविष्य में विभिन्न तरीकों से देश की सेवा करना चाहते हैं.

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