कोलकाता : अमेरिका के संसद भवन- कैपिटोल में हुई हिंसा पर प्रवासी भारतीय डॉ प्रमिता रॉय चौधरी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा हिंसा भड़काया जाना काफी छोटी सोच वाली हरकत है. उन्होंने कहा कि किसी भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा ऐसा नहीं किया गया. डॉ प्रमिता ने कहा कि ट्रंप पहले भी अजीबोगरीब ट्वीट करते रहे हैं, लेकिन कैपिटोल की हिंसा समझदारी की कमी भी दिखाती है. उन्होंने कहा कि ट्रंप जैसे ओहदे के शख्स के इस तरह की अपेक्षा नहीं की जाती है.
उन्होंने इस घटना पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि पहले तो इस पर यकीन ही नहीं हुआ, मीडिया में हुई रिपोर्ट के बाद कैपिटोल पर हुए हमले की घटना पर भरोसा करने में ही लगभग आधे घंटे लगे.
डॉ प्रमिता ने कहा कि ट्रंप यह समझने में विफल रहे कि अमेरिकी संसद जैसी जगह पर उपद्रव जैसी हरकत का भविष्य में क्या परिणाम हो सकता है. उन्होंने कहा, 'मैं सोच भी नहीं सकती कि उनके (ट्रंप) के पास इतनी कम समझ है कि उन्हें इस बात की भी जानकारी न हो कि उनकी क्षमताओं की सीमाएं क्या हैं ?'
कैपिटोल में हुए उत्पात में ट्रंप की भूमिका से जुड़े सवाल पर डॉ प्रमिता ने कहा कि कई बार लोग इस तरह का व्यवहार करते हैं जिससे लगता है कि वह दिमागी रूप से असंतुलित लगते हैं. इस कारण लोग काफी निचले स्तर तक गिर जाते हैं.
लोकतंत्र की रक्षा करने की शपथ लेने के बावजूद देश के शीर्ष नेताओं द्वारा अपने समर्थकों को उपद्रव के लिए सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर जारी संदेशों से उकसाने की कोशिश करने जैसे व्यवहार से जुड़े सवाल पर डॉ प्रमिता ने कहा कि आप जानते हैं कि अमेरिका और भारत जैसे देशों के राजनेता समर्थकों को जुटाने की कोशिश में सोशल मीडिया सहित अन्य विकल्पों का भी प्रयोग करते हैं. नेता ऐसी चीजें प्रसारित करते हैं, जो उन्हें लगता है कि सही है.