अल्मोड़ा : सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को अष्ट भैरव, नौ दुर्गा की नगरी भी कहा जाता है. यहां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों के नौ मंदिर शहर के चारों ओर स्थापित हैं. इन्हीं में से एक मां दुर्गा का ऐसा मंदिर जो न केवल श्रद्धालुओं को, बल्कि वैज्ञानिकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. यह क्षेत्र अद्भुत व अलौकिक शक्तियों से भरा पड़ा है. यहां की अद्भुत शक्ति से अभिभूत होकर स्वामी विवेकानंद ने भी 1890 में कसार देवी में तपस्या की थी.
जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर कसार देवी मंदिर स्थित है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही आध्यात्मिक शांति भी मिलती है. देवी मां के इस मंदिर में अद्भुत व रहस्यमयी शक्तियां हैं. अल्मोड़ा एसएसजे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हामिद के अनुसार मंदिर के आसपास का क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है. इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है. जिसे जानने और समझने के लिए लंबे समय से नासा के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं.
वहीं, दुनिया का तीसरा ऐसा स्थान है, जहां खास चुंबकीय शक्तियां विद्यमान हैं, जो मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं. स्वामी विवेकानंद भी 1890 में ध्यान के लिए कुछ महीनों के लिए कसार देवी आए थे. यही नहीं बौद्ध गुरु लामा अंगरिका गोविंदा ने भी यहां गुफा में रहकर विशेष साधना की थी.
कसार देवी मंदिर की महिमा एवं अपार शक्ति से बड़े-बड़े खगोलीय एवं भू-गर्भ वैज्ञानिक भी हैरान हैं. अल्मोड़ा स्थित कसार देवी मंदिर और दक्षिण अमरीका के पेरू स्थित माचू-पिच्चू व इंग्लैंड के स्टोन हेंग में अद्भुत समानताएं हैं. ये अद्वितीय चुंबकीय शक्ति के केंद्र भी हैं.
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बता दें कि कसार देवी क्रैंक रिज के लिये भी प्रसिद्ध है. 1960-1970 के दशक में हिप्पी आंदोलन का प्रभाव भी इस क्षेत्र में पड़ा था. यह स्थल देश ही नहीं विदेशी श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि जो शांति व शक्ति का अहसास उन्हें यहां आकर मिलता है, वह अपने आप में अद्भुत व अलौकिक है.
वहीं, मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक मान्यता है कि इसी स्थान से मां भगवती ने शुंभ-निशुंभ दानवों का वध करने के लिए कात्यायनी रूप धारण किया और दोनों राक्षसों का संहार किया था. तब से यह स्थान विशेष माना जाता है.
अद्भुत शक्तियों को देखकर नासा भी हैरान
मंदिर हवालबाग विकासखंड की सुरम्य घाटी में स्थित है. यहां साल भर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इस मंदिर की महत्ता इसी बात से बढ़ जाती है कि देवी मां के इस मंदिर में ऐसी अद्भुत शक्तियां हैं जिसने नासा की भी नींद उड़ा दी. बताया जाता है कि मंदिर के आसपास के क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट हैं, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड हैं. इन पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है. जिसे जानने और समझने के लिए लंबे समय से नासा के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं. यह स्थान दुनिया का तीसरा ऐसा स्थान है, जहां खास चुंबकीय शक्तियां विद्यमान हैं जो मनुष्य को सकारात्मक उर्जा प्रदान करती हैं.