पौड़ी:जिले केचौकी पाबौ क्षेत्रान्तर्गत थापली में एक मकान में आग लग गई. आग की चपेट में आने से दंपति की मौत हो गई. स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाने की काफी कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई. जिसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाने के बाद दोनों शवों को बमुश्किल निकाला.
चौकी पाबौ क्षेत्रान्तर्गत थापली में एक मकान में भीषण आग लग गई. आग की चपेट में आने से दंपति की मौत हो गई. मृतक बुजुर्ग दंपति बंदूर लाल (90) जोकि और गोदावरी (82) 90% जल चुके थे. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाने के बाद दोनों शवों को बमुश्किल निकाला. वहीं पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं घटना के बाद क्षेत्र में मातम छाया हुआ है.
खाने बनाने के दौरान लगी आग: बताया जा रहा है कि बुजुर्ग दंपति घर पर अकेले रहते थे. खाना बनाने व आग सेंकने के दौरान ये घटना होने की आशंका जताई जा रही है. पाबौ चौकी क्षेत्र के अंतर्गत थापली गांव में एक मकान में आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि लोगों के आग पर नियंत्रण पाने से पहले ही दोनों बुजुर्ग बुरी तरह से जुलस गये. पाबौ चौकी इंचार्ज दीपक पंवार ने बताया कि चौकी क्षेत्र के अंतर्गत थापली गांव में रह रहे बुजुर्ग दंपति के घर में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई. उन्होंने कहा कि आग की सूचना पाकर पौड़ी से फायर पुलिस को सूचना दी गई. साथ ही पाबौ चौकी से पूरी टीम मौके के लिए रवाना हुई.
चौकी से काफी दूर था गांव: चौकी इंचार्ज ने बताया कि गांव चौकी से करीब 30 से 35 किमी दूर है. जब तक बचाव दल थापली गांव पहुंचा तब तक काफी देर हो चुकी थी. बचाव दल ने आग पर काबू पाने का काफी प्रयास किया. लेकिन आग बमुश्किल नियंत्रित हो पाई. भवन लकड़ी और पठाल का होने के चलते आग काफी भड़क चुकी थी. घटना में भवन स्वामी 90 वर्षीय बंदूर लाल पुत्र गंभीर लाल तथा उनकी पत्नी 82 साल की गोदावरी देवी काफी झुलस चुके थे. बचाव दल ने दोनों को 108 एम्बुलेंस की सहायता से जिला अस्तपाल पहुंचाया.
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बुजुर्ग दंपति के तीन बच्चे दुर्घटना में मारे गए थे: डाक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. डाक्टरों के अनुसार बुजुर्ग दंपति 90 फीसदी झुलस चुके थे. जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं चौकी प्रभारी दीपक पंवार ने बताया कि बुजुर्ग दंपति अकेले रहते थे. दंपति के तीन बच्चे थे जो कुछ साल पहले ही एक दुर्घटना में अकाल काल के गाल में समा गए थे.