गुवाहाटी:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक समारोह में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के निर्णायक स्वप्निल डांगरीकर से प्रमाण पत्र प्राप्त किया. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सरमा ने अमृत वृक्ष आंदोलन शुरू किया था और इस अभियान के एक हिस्से के रूप में 17 सितंबर को एक ही दिन में राज्य भर में व्यावसायिक रूप से मूल्यवान वृक्ष की प्रजातियों के एक करोड़ (1,11,17,781) से अधिक पौधे लगाए गए थे.
अभियान में समाज के प्रमुख घटकों ने दिया साथ:यह पूरी कवायद स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शैक्षणिक संस्थानों, चाय बागान श्रमिकों, सरकारी अधिकारियों और अन्य नागरिकों सहित पुलिस कर्मियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जन भागीदारी मॉडल में किया गया. पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा शुरू किए गए अमृत वृक्ष आंदोलन के दौरान गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया गया. पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा शुरू किए गए अमृत वृक्ष आंदोलन के दौरान गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया गया.
श्रेणियों में नौ रिकॉर्ड बनाए: इसके तहत नौ श्रेणियों में नौ रिकॉर्ड बनाए गए. पहली श्रेणी में जो गमले में लगे पौधों की सबसे लंबी कतार है, कामरूप पूर्व वन प्रभाग द्वारा वेटरनरी कॉलेज फील्ड, खानापारा, गुवाहाटी में रिकॉर्ड बनाया गया और 3 लाख (3,22,444) पॉली गमले में लगे पौधों की 22.22 किमी लंबी कतार बनाई गई. सुन्दर प्रकाश व्यवस्था के साथ सर्पिलाकार रूप में व्यवस्थित किया गया था. यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक नई श्रेणी थी. सर्पिल रूप में व्यवस्थित पौधे अगर और महोगनी प्रजाति के थे.
दूसरी श्रेणी में जो कि 24 घंटे में एक स्थान पर वितरित किए गए पौधों की सबसे बड़ी संख्या है. एक रिकॉर्ड तब बना जब वेटरनरी कॉलेज फील्ड, खनापारा में सर्पिल रूप में व्यवस्थित पौधों को स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, जनता, अर्धसैनिक बलों को वितरित किया गया. इस प्रयास के दौरान कुल 3,22,444 पौधे वितरित किए गए. इसने उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा वर्ष 2018 में प्रयागराज में वितरित किए गए 76,825 पौधों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया.