नई दिल्ली:कुकी छात्र संगठन (केएसओ) और कुकी महिला संगठन (केडब्ल्यूओ) ने बुधवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. उन्होंने दावा किया कि 29 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा ने हिंसा को कम करने के लिए कुछ खास नहीं किया. वे मणिपुर में हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए केएसओ नेता हाओकिप ने कहा कि उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की है.
हाओकिप ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हम भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध करते हैं. कुकी-ज़ो गाँवों के खिलाफ भारी हथियारों का इस्तेमाल तुरंत बंद किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों की तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना और केंद्रीय बलों में मीतेई/मैतेई अधिकारियों को तुरंत मणिपुर के बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए, "जो लोगों के बीच शांति और विश्वास बनाए रखने के लिए एक शर्त है."
उन्होंने दावा किया कि मणिपुर में कुकी-ज़ो आदिवासियों के खिलाफ घाटी के बहुसंख्यक मीतेई/मैतेई उग्रवादियों द्वारा मणिपुर राज्य बलों के समर्थन से की गई जातीय हिंसा हर गुजरते दिन के साथ और अधिक घातक होती जा रही है. हाओकिप ने कहा, "स्वतंत्र भारत के इतिहास में अभूतपूर्व, 4000 से अधिक स्वचालित हथियारों और 5 लाख गोला-बारूद को अल्पसंख्यक आदिवासी आबादी पर आतंक फैलाने के लिए मीतेई/मैतेई समूहों द्वारा राज्य के शस्त्रागार से लूटा गया है."
इस बीच, मणिपुर सरकार के सलाहकार कुलदीप सिंह ने ईटीवी भारत के संवाददाता को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 57 हथियार, 318 गोला-बारूद और 5 बम पोरोमपत पुलिस स्टेशन, इंफाल पूर्व और सुगनू पुलिस स्टेशन, काकचिंग जिलों से बरामद किए गए हैं. उन्होंने कहा, "अब तक कुल 868 हथियार और 11,518 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं." उन्होंने कहा कि 5 घाटी जिलों में 12 घंटे और पड़ोसी पहाड़ी जिलों में 10 घंटे और 8 घंटे कर्फ्यू में ढील दी गई है छह अन्य पहाड़ी जिलों में कर्फ्यू नहीं है.