ठाकुरनगर (पश्चिम बंगाल) :गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय सहित सीएए के तहत शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया कोविड-19 टीकाकरण समाप्त होने के बाद शुरू हो जाएगी. उन्होंने विपक्ष पर अल्पसंख्यक समुदाय को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसे लागू किए जाने से भारतीय अल्पसंख्यकों की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
पश्चिम बंगाल के ठाकुरनगर में अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2018 में वादा किया था कि वह नया नागरिकता कानून लाएगी और 2019 में भाजपा के सत्ता में आते ही वादे को पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका. शाह ने कहा कि ममता दीदी ने कहा कि हमने गलत वादा किया. उन्होंने सीएए का विरोध करना शुरू कर दिया और कहती हैं कि वह इसे कभी लागू नहीं होने देंगी. भाजपा अपने वादे हमेशा पूरे करती है. हम इस कानून को लेकर आए हैं और शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी.
उन्होंने यहां मतुआ समुदाय के गढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे ही कोविड-19 के टीकाकरण की प्रक्रिया खत्म होती है, सीएए के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. आप सभी इस देश के सम्मानित नागरिक होंगे. मतुआ मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के कमजोर तबके के हिंदू हैं जो बंटवारे और बांग्लादेश के निर्माण के बाद भारत आ गए थे। उनमें से कई को भारतीय नागरिकता मिल गई है लेकिन बड़ी आबादी को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है.