अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा(144th Rath Yatra of Lord Jagannath) सोमवार सुबह शुरू हो गयी. हालांकि कोरोना(Corona) के मद्देनजर लोगों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए रथ यात्रा(Jagannath Rath Yatra 2021) के मार्ग में लगाए गए कर्फ्यू के कारण इस बार की रथयात्रा को लेकर उत्सव की उमंग और भीड़ नदारद है. लगभग 100 ट्रकों, हाथियों, अखाड़ों और गायन मंडलियों के सामान्य काफिले के बजाय इस साल की यात्रा में केवल तीन रथ शामिल हैं, जिन्हें खलासी समुदाय के लगभग 100 युवा खींच रहे हैं. इसके अलावा चार से पांच अन्य वाहन शामिल हैं.
राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने पत्रकारों को बताया कि देवी-देवताओं के दर्शन की खातिर सड़कों पर लोगों की भीड़ जुटने से रोकने के लिए रथयात्रा के पूरे 19 किलोमीटर के मार्ग पर सुबह से दोपहर तक कर्फ्यू लगा दिया गया है.
भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों की यात्रा यहां जमालपुर क्षेत्र में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से सुबह करीब सात बजे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल द्वारा 'पाहिंद विधि' संपन्न करने के साथ शुरू हुई. यह विधि 'रथों' का रास्ता साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म है. देवी-देवताओं की मूर्तियों को रथों पर रखने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह लगभग चार बजे मंदिर में दर्शन किया और 'मंगला आरती' में भाग लिया.
शहर पुलिस के अनुसार, रथ यात्रा कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से भी गुजरती है इसलिए किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मार्ग पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की नौ कंपनियों सहित लगभग 23,000 सशस्त्र कर्मियों को तैनात किया गया है. हर साल रथयात्रा लगभग 12 घंटे में 19 किमी की दूरी तय कर भगवान जगन्नाथ मंदिर वापस पहुंचती है, जिसमें सरसपुर में एक घंटे का भोजन अवकाश भी शामिल है. हालांकि इस बार अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि सरसपुर में बड़ी भीड़ जमा नहीं हो.
राष्ट्रपति ने दी शुभकामनाएं
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि विशेष रूप से ओडिशा के सभी के श्रद्धालुओं के मेरी हार्दिक बधाई. उन्होंने कहा कि मैं कामना करता हूं कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से देशवासियों का जीवन सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य से परिपूर्ण बना रहे.