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जगन्नाथ रथ यात्रा: राष्ट्रपति और मोदी ने दी बधाई, शाह ने की मंगला आरती - jagannath temple in gujarat

आज जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने मंदिर में मंगल आरती में हिस्सा लिया. रथ यात्रा में सीमित संख्या में कुछ निश्चित लोगों को ही हिस्सा लेने की अनुमति होगी. गुजरात : भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू, कोविड-19 के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर कर्फ्यू

अमित शाह ने की मंगल आरती
अमित शाह ने की मंगल आरती

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Published : Jul 12, 2021, 8:04 AM IST

Updated : Jul 12, 2021, 3:51 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा(144th Rath Yatra of Lord Jagannath) सोमवार सुबह शुरू हो गयी. हालांकि कोरोना(Corona) के मद्देनजर लोगों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए रथ यात्रा(Jagannath Rath Yatra 2021) के मार्ग में लगाए गए कर्फ्यू के कारण इस बार की रथयात्रा को लेकर उत्सव की उमंग और भीड़ नदारद है. लगभग 100 ट्रकों, हाथियों, अखाड़ों और गायन मंडलियों के सामान्य काफिले के बजाय इस साल की यात्रा में केवल तीन रथ शामिल हैं, जिन्हें खलासी समुदाय के लगभग 100 युवा खींच रहे हैं. इसके अलावा चार से पांच अन्य वाहन शामिल हैं.

अमित शाह ने की मंगल आरती

राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने पत्रकारों को बताया कि देवी-देवताओं के दर्शन की खातिर सड़कों पर लोगों की भीड़ जुटने से रोकने के लिए रथयात्रा के पूरे 19 किलोमीटर के मार्ग पर सुबह से दोपहर तक कर्फ्यू लगा दिया गया है.

भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों की यात्रा यहां जमालपुर क्षेत्र में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से सुबह करीब सात बजे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल द्वारा 'पाहिंद विधि' संपन्न करने के साथ शुरू हुई. यह विधि 'रथों' का रास्ता साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म है. देवी-देवताओं की मूर्तियों को रथों पर रखने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह लगभग चार बजे मंदिर में दर्शन किया और 'मंगला आरती' में भाग लिया.

शहर पुलिस के अनुसार, रथ यात्रा कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से भी गुजरती है इसलिए किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मार्ग पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की नौ कंपनियों सहित लगभग 23,000 सशस्त्र कर्मियों को तैनात किया गया है. हर साल रथयात्रा लगभग 12 घंटे में 19 किमी की दूरी तय कर भगवान जगन्नाथ मंदिर वापस पहुंचती है, जिसमें सरसपुर में एक घंटे का भोजन अवकाश भी शामिल है. हालांकि इस बार अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि सरसपुर में बड़ी भीड़ जमा नहीं हो.

राष्ट्रपति ने दी शुभकामनाएं

इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि विशेष रूप से ओडिशा के सभी के श्रद्धालुओं के मेरी हार्दिक बधाई. उन्होंने कहा कि मैं कामना करता हूं कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से देशवासियों का जीवन सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य से परिपूर्ण बना रहे.

पीएम मोदी ने भी दी शुभकामनाएं

रथ यात्रा के विशेष अवसर पर सभी को बधाई. हम भगवान जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद सभी के जीवन में अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए. जय जगन्नाथ!

रथ यात्रा पांच घंटे में पूरी करने की योजना

देश में कोरोना को देखते हुए 144वीं जगन्नाथ रथ यात्रा में केवल तीन रथों और दो अन्य गाड़ियों के अलावा किसी भी प्रकार के वाहन को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं है. इस बार रथ यात्रा के दौरान गायन मंडली, अखाड़े, हाथी या सजे हुए ट्रकों को अनुमति नहीं दी जाएगी. इस बार यात्रा को चार से पांच घंटे में पूरी करने की योजना बनाई गई है. रथ यात्रा के मार्ग में लोग एकत्र न हों , इसके लिए पूरे मार्ग पर सुबह से लेकर दोपहर तक कर्फ्यू लागू किया जाएगा.

पढ़ें:जानें क्यों निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

पिछले साल नहीं मिली थी यात्रा निकालने की अनुमति

पिछले साल कोरोना महामारी के मद्देनजर गुजरात हाईकोर्ट ने रथ यात्रा को निकालने की अनुमति प्रदान नहीं की थी, जिसके बाद जमालपुर क्षेत्र में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में प्रतीकात्मक रूप से ही रथ यात्रा का आयोजन किया गया था. पारंपरिक रूप से रथ यात्रा सुबह सात बजे भगवान जगन्नाथ के मंदिर से रवाना होती है और रात आठ बजे तक वापस 400 वर्ष पुराने मंदिर में आ जाती है.

Last Updated : Jul 12, 2021, 3:51 PM IST

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