नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि देश में 'एक ध्वज, एक प्रधानमंत्री, एक संविधान' की अवधारणा कोई राजनीतिक नारा नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस सिद्धांत में दृढ़ता से विश्वास करती है तथा उसने जम्मू कश्मीर में आखिरकार यह कर दिखाया है. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने कहा कि देश में ‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’ एक ‘राजनीतिक नारा’ था. इस पर शाह ने आश्चर्य जताया कि एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो ध्वज कैसे हो सकते हैं.
उन्होंने सौगत राय की टिप्पणियों को ‘आपत्तिजनक’ करार दिया. विपक्षी सदस्यों की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए, शाह ने कहा, ‘‘जिसने भी यह किया था, वह गलत था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे सही किया है. आपकी सहमति या असहमति कोई मायने नहीं रखती, पूरा देश यह चाहता था.’’ शाह की यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के स्पष्ट संदर्भ में की गई थी.
उन्होंने आगे कहा कि ‘‘एक निशान, एक प्रधान, एक संविधान’’ कोई चुनावी नारा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘हम 1950 से कहते आ रहे हैं कि एक देश में एक प्रधानमंत्री, एक (राष्ट्रीय) ध्वज और एक संविधान होना चाहिए और हमने ऐसा किया है.’’