नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी में मंगलवार को भाजपा की एक अहम बैठक हुई जिसमें सभी 543 लोकसभा सीट पर प्रचार अभियान की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में, पहली बार के मतदाताओं, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), युवाओं और महिलाओं को साधने की रणनीति पर भी जोर दिया गया.
पार्टी महासचिव विनोद तावड़े ने बताया कि 300 से अधिक पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए काम किया और उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत का वैश्विक कद कई गुना बढ़ा है. इस क्रम में उन्होंने भारत के विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का जिक्र किया. यह संकेत देते हुए कि भाजपा अन्य दलों के नेताओं का स्वागत करना चाहती है, शाह ने कहा कि उन्हें ऐसी जानी-मानी हस्तियों और विभिन्न समुदायों के नेताओं से संपर्क करना चाहिए जो 'राष्ट्रवादी मुख्यधारा' का हिस्सा बनना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा का लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि अपने संस्थापक दीन दयाल उपाध्याय के 'अंत्योदय' के ध्येय के अनुरूप सबसे वंचितों का उत्थान करना है. पार्टी नेताओं से सरकार की कई सफलताओं के साथ मतदाताओं तक पहुंचने का आह्वान करते हुए शाह ने कहा कि मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' के विचार के इर्द-गिर्द देश को केंद्रित किया है जबकि इस दौरान सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को भी बड़ा बढ़ावा मिला है.
शाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देश में एक माहौल बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को एक बड़ी शक्ति बनाने की दिशा में काम कर रही है. नड्डा ने अपने संबोधन में नेताओं से देश भर में पार्टी का और विस्तार सुनिश्चित करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि नेताओं को यह देखना चाहिए कि पार्टी को उन राज्यों में अधिक सीट पर जीत हासिल हो, जहां 2019 में उसे सीमित सफलता मिली थी.