नई दिल्ली:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में एनएफटी, एआई, मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पर आधारित जी20 सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा वैश्विक सुरक्षा का एक अनिवार्य पहलू बन गई है. इसके आर्थिक और भू-राजनीतिक परिवेश को समझने की आवश्यकता है. उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद, आतंकी वित्तपोषण, कट्टरपंथ, नार्को, नार्को आतंकी लिंक, पारंपरिक और गैर-पारंपरिक चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए राष्ट्रों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की क्षमताओं को मजबूत करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा वित्तीय लेनदेन के लिए आभासी संपत्ति के रूप में नए तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. साइबर सुरक्षा पर यह पहला G20 शिखर सम्मेलन है. इसमें जी 20 सदस्यों के अलावा, नौ अतिथि देश और 2 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन, इंटरपोल और यूएनओडीसी के साथ ही विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हुए हैं.
शाह ने कहा कि आज 840 मिलियन भारतीयों की ऑनलाइन उपस्थिति है और 2025 तक अन्य 400 मिलियन भारतीय डिजिटल दुनिया में प्रवेश करेंगे. नौ वर्षों में इंटरनेट कनेक्शन में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और भारत 2022 में 90 मिलियन लेनदेन के साथ वैश्विक डिजिटल भुगतान में अग्रणी है. शाह ने इंटरपोल की ग्लोबल ट्रेंड समरी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि साल 2022 के लिए रैमसमवेयर, फिशिंग, ऑनलाइन घोटाले, ऑनलाइन बाल यौन शोषण जैसे साइबर अपराध के रुझान दुनिया भर में गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि भविष्य में ये साइबर अपराध कई गुना बढ़ जाएंगे.