नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत भर के शहरों को महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षित बनाने की तात्कालिकता पर जोर दिया. उन्होंने सरकारी अधिकारियों से अपराधों के महत्वपूर्ण विश्लेषण के लिए सीसीटीएनएस डेटाबेस का उपयोग करके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को बढ़ाने पर भी बल दिया. शाह ने साइबर अपराध प्रबंधन, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा के लिए पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने आदि मुद्दे पर जोर दिया. वह नई दिल्ली में एक चिंतन शिविर में बोल रहे थे. चिंतन शिविर का उद्देश्य मंत्रालय के काम की समीक्षा करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विजन 2047' को लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करना था.
चिंतन शिविर की शुरुआत मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पूर्व में हुई चर्चा के दौरान गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की गहन समीक्षा के साथ हुई. गृह मंत्री ने एमएचए डैशबोर्ड, सरकारी भूमि सूचना प्रणाली (जीएलआईएस), बजट उपयोगिता, ई-ऑफिस और विशेष भर्ती अभियान आदि के कामकाज की भी समीक्षा की. शाह ने आने वाले वर्षों में उनकी प्राथमिकताओं और डिलिवरेबल्स पर विभिन्न डिवीजनों के काम की समीक्षा की, आत्मनिर्भर भारत पर स्थिति, विभिन्न बजट घोषणाएं और महत्वपूर्ण लंबित मुद्दों पर चर्चा की.
शाह ने भर्ती प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भविष्य की रिक्तियों की भर्ती की प्रक्रिया पहले से शुरू की जानी चाहिए. शाह ने कहा, 'विभागीय पदोन्नति समितियों (डीपीसी) की बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए ताकि कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति मिले.' उन्होंने सीएपीएफ कर्मियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण, आवास संतुष्टि अनुपात में सुधार जैसे विभिन्न कल्याणकारी उपाय करने पर भी जोर दिया.