मुंबई : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने रविवार को आध्यात्मिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता दत्तात्रेय नारायण उर्फ अप्पासाहेब धर्माधिकारी (Dattatreya Narayan alias Appasaheb Dharmadhikari ) को 'महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार' से सम्मानित किया और कहा कि समाज सेवा की परंपरा को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हुए देखना बहुत दुर्लभ है. खारघर क्षेत्र में 306 एकड़ के विशाल मैदान में आयोजित भव्य समारोह में धर्माधिकारी के लाखों अनुयायियों ने भाग लिया. इस दौरान हीट स्ट्रोक की वजह से सात लोगों की मौत हो गई. इस संबंध में सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि नवी मुंबई के खारघर में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान हीटस्ट्रोक से पीड़ित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 का इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि मृतक के परिवारों को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे जबकि हम भर्ती लोगों का उचित इलाज सुनिश्चित कर रहे हैं.
धर्माधिकारी, मंच पर मौजूद गणमान्य लोगों और समारोह में शामिल अन्य लोगों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की पंखुड़ियां बरसाई गईं. वृक्षारोपण अभियान, रक्तदान और चिकित्सा शिविरों के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में नशामुक्ति कार्यों के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर धर्माधिकारी के अनुयायी हैं. सम्मान समारोह का गवाह बनने के लिए आयोजन स्थल पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा थी. धर्माधिकारी के संगठन 'श्री सदस्य' के अनुयायियों के लिए ऑडियो/वीडियो सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गयी थीं.
शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन के सत्ता में आने पर 1995 में 'महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार' की शुरुआत की गई थी. शाह ने धर्माधिकारी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया और उन्हें एक शॉल, एक प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिह्न तथा 25 लाख रुपये का चेक प्रदान किया. धर्माधिकारी ने कहा कि उन्हें प्रदत्त 25 लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किये जाएंगे. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल मौजूद थे.
शाह ने कहा, 'मैं इतिहास का छात्र रहा हूं. मैंने कुछ परिवारों को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा करते देखा है, जबकि कुछ परिवार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक व्यापार कौशल में अच्छे हैं, लेकिन मैंने अप्पासाहेब धर्माधिकारी और उनके पिता स्वर्गीय नानासाहेब में समाज सेवा का दुर्लभ भाव देखा है, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रवाहित हो रहा है.' उन्होंने कहा कि अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस की एक उपयुक्त पसंद थी. उन्होंने कहा कि सही व्यक्ति को सम्मानित कर महाराष्ट्र सरकार ने पुरस्कार को काफी ऊंचाई प्रदान की है.
शाह ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति को उसकी समाज सेवा के लिए सम्मानित कि जाने के अवसर पर इतनी बड़ी उपस्थिति कभी नहीं देखी और इस तरह का सम्मान प्रचार-प्रसार के बिना त्याग से ही मिलता है. उन्होंने कहा, 'भीड़ के पीछे मत भागो, बल्कि कुछ ऐसा करो कि भीड़ तुम्हारे पीछे भागे और (कहे कि) तुमने सही काम किया है.' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धर्माधिकारी ने उस समय अच्छा काम किया जब राष्ट्र को उनकी टीम के माध्यम से उनकी सेवाओं की आवश्यकता थी और इसलिए उन्हें पद्म पुरस्कार दिया गया. उन्होंने कहा कि यही एकमात्र परिवार है, जहां दो सदस्यों को यह सम्मान (महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार) मिला है.