नई दिल्ली : बीजेपी ने टीएमसी सांसद महुआ मित्रा के मां काली पर दिए गए बयान पर घोर आपत्ति जताई है. ध्यान रहे कि महुआ उसी टीएमसी की सांसद हैं जिसकी नेता ममता बनर्जी ने नूपुर शर्मा मामले में पिछले कई दिनों से तलवारें खींच रखी हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका ने भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल चुनाव में सह प्रभारी रहे अमित मालवीय से विशेष बातचीत की.
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा कि महुआ मित्रा के इस बयान के लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं. अगर ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति ना करतीं, तो टीएमसी के किसी सांसद की हिम्मत नहीं होती कि वो बंगाल में हिंदुओं की भावनाओं को इस तरह से ठेस पहुंचाए.
अमित मालवीय, भाजपा आईटी सेल प्रमुख के साथ बातचीत मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने एक ओर तो नूपुर शर्मा के बयान पर राजनीति की, और अब उन्हीं की सांसद मां काली का अपमान कर रही हैं. मां काली पर ऐसी अभद्र टिप्पणी किसी भी रूप से स्वीकार नहीं होनी चाहिए. मालवीय ने चुनौती देते हुए कहा कि वह महुआ मोइत्रा के इस बयान पर कार्रवाई करें और महुआ को अपनी पार्टी से निकाल कर उन्हें इस बयान की सजा दें.
एस सवाल के जवाब में कि क्या बीजेपी ये मांग करेगी कि जैसी लुकआउट नोटिस बंगाल में नूपुर शर्मा के लिए जारी की गई है, वैसा ही नोटिस महुआ के लिए भी जारी की जाए, उन्होंने कहा कि उनके नेताओं ने जगह जगह महुआ मित्रा के खिलाफ लिखित शिकायतें दी हैं. पश्चिम बंगाल की गृह मंत्री भी ममता बनर्जी ही हैं और यह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है कि वह महुआ मित्रा के खिलाफ कार्रवाई करें और बंगाल में हिंदुओं की भावनाओं को जो ठेस पहुंची है उसकी उन्हें सजा दें.
अगर टीएमसी महुआ मित्रा के बयान पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो बीजेपी क्या करेगी, इस सवाल का जवाब देते हुए बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय का कहना है कि वैसे तो जो कार्रवाई हो रही है, पार्टी अपनी शिकायतें दर्ज करा रही है. लेकिन सवाल ये है कि क्या नैतिकता के आधार पर ममता बनर्जी अभी तक इस बयान का खंडन नहीं कर सकती थी ? ये वही ममता बनर्जी हैं जो हर बात मीडिया के बीच ले आती हैं. फिर इस बयान के बाद उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी है ? क्या मात्र तुष्टीकरण से जुड़े मुद्दों पर ही ममता बनर्जी बोलती हैं ?
ममता बनर्जी के हाल ही में बीजेपी पर हेट स्पीच के लगाए गए आरोप पर मालवीय ने कहा कि हेट स्पीच को बढ़ावा सबसे ज्यादा बंगाल में मिल रहा है. हाल ही में फुलवरिया शरीफ के मौलाना ने शिवलिंग को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी, मगर ममता बनर्जी ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि देश में घृणा तथाकथित सेकुलर पार्टियां फैला रही हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे लोग घृणा फैला रहे हैं और शशि थरूर और लीना मक़लाई जैसे लोग क्रिएटिविटी के नाम पर मां काली के होठों पर सिगरेट दिखा रहे हैं, शराब दिखा रहे हैं.
इस सवाल पर कि क्या सोशल मीडिया की वजह घृणा फैल रही है, मालवीय ने कहा कि सोशल मीडिया पर दोष मढ़ना बंद कर देना चाहिए. जो लोग समाज में उन्माद फैला रहे हैं, समाज में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक खास समुदाय में जो रेडिकलाइज़ेशन हो रहा है, वो हम सबके लिए चिंता का विषय होना चाहिए. सेक्युलरिज्म के नाम पर जो इन अपराधों की अनदेखी कर रहे हैं, वो खतरनाक है. जो लोग उदयपुर और अमरावती पर चुप रहे, वही लोग आज मां काली के अपमान पर टीएमसी का साथ दे रहे हैं. ये है हमारे देश की तथाकथित सेक्युलरिज्म राजनीति, ममता बनर्जी बंगाल की गृह मंत्री भी हैं, वो आखिर महुआ मोइत्रा के खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई कर रही हैं.
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