कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना (southern 24 Parganas) के ऐतिहासिक शहर मटिया ब्रिज (historic city of Matia Bridge ) के निवासी अमीन अंसारी (Amin Ansari) ने कड़ी मेहनत और राष्ट्र सेवा की भावना (spirit of service to the nation) के चलते सामाजिक बुराइयों के अड्डे को एक शैक्षणिक संस्थान में बदल दिया. दरअसल, उन्होंने इलाके में एक तालाब खरीदा, जिसपर बार, कैसीनो और नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं का कब्जा था और फिर लड़कों और लड़कियों के लिए अलग मदरसे, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए.
सामाजिक कार्यकर्ता (social worker ) और ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष (chairman of Khwaja Gharib Nawaz Educational Trust) अमीन अंसारी ने ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में मेटिया ब्रिज के मीठे तालाब और उसके आसपास शैक्षिक गतिविधियों पर चर्चा की.
अमीन ने कहा, 'मैंने देश की सेवा का काम करीब पच्चीस साल पहले शुरू किया था और यह आज तक जारी है. इसके लिए मैं अपने सहयोगियों और क्षेत्र की माताओं और बहनों का बहुत आभारी हूं.'
ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि 1998-1997 में उन्होंने इलाके में आठ मंजिला तालाब बनाया, जो असामाजिक तत्वों का अड्डा था. यहां हर तरह की बुराइयां थीं. मुस्लिम इलाके को बुराइयों से बचाने के लिए उन्होंने पूरा तालाब खरीद लिया. जमीन खरीदने के बाद उन्होंने पहले तीन मंजिलों पर एक मस्जिद बनाई (built a mosque) और फिर एक मदरसा, स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए.
उनका कहना है कि समय बीतता चला गया और मुस्लिम बहुल इलाके में स्थिति में तेजी से सुधार हुआ. यहां के लड़के-लड़कियों को अब शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के इलाकों की यात्रा नहीं करनी पड़ती, उन्हें एक ही छत के नीचे सब कुछ मिलता है.
समाजसेवी का कहना है कि मस्जिद परिसर में लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग मदरसा है, जहां स्थानीय बच्चों के साथ-साथ झारखंड और बिहार के छात्र (students from Jharkhand and Bihar) भी आते हैं.