चेन्नई (तमिलनाडु) :पूर्व मुख्यमंत्रियों एडप्पादी पलानीस्वामी (ईपीएस) और ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) के बीच एआईएडीएमके के नियंत्रण को लेकर संघर्ष के बीच पार्टी ने घोषणा की कि 26 मार्च को महासचिव के चुनाव होंगे. पार्टी के चुनाव अधिकारियों आर विश्वनाथन और पोलाची जयरामन ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चुनाव पार्टी के प्राथमिक सदस्यों द्वारा किया जाएगा. आज यानी शनिवार से नामांकन शुरू जायेगा. नामांकन का अंतिम दिन कल यानी रविवार को होगा.
पढ़ें : कश्मीर के विभिन्न जिलों में SIA की छापेमारी, आतंकी बुरहान वानी से जुड़ा है केस
20 मार्च को नामांकन की जांच होगी. 21 मार्च नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख होगी. 26 मार्च को चुनाव होंगे और 27 मार्च को मतगणना होगी. उन्होंने यह भी बताया कि AIADMK पार्टी के उपनियम 20(A) सेक्शन 2 के अनुसार पार्टी के महासचिव का चुनाव पार्टी के प्राथमिक सदस्यों द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इच्छुक कैडर रोयापेट्टा में पार्टी मुख्यालय से 25,000 रुपये के भुगतान पर आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं.
पढ़ें : पुलवामा में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू, सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरा
उम्मीद है कि अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव पलानीस्वामी निर्विरोध महासचिव चुने जाएंगे. इससे पहले मार्च में, मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम के विश्वासपात्र मनोज पांडियन की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था. जिसमें पिछले साल 11 जुलाई को एआईएडीएमके जनरल काउंसिल की बैठक में पारित प्रस्तावों पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई थी. उस बैठक में पलानीस्वामी (ईपीएस) को पार्टी का अंतरिम महासचिव बनाया गया था.
पढ़ें : Col VVB Reddy: हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए लेफ्टिनेंट कर्नल रेड्डी का पार्थिव शरीर हैदराबाद लाया गया
याचिका में अदालत से ओपीएस, वैथियालिंगम, जेसीडी प्रभाकर और मनोज पांडियन को हटाने के लिए पारित प्रस्ताव को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया था. पांडियन द्वारा दायर याचिका शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी के समक्ष सुनवाई के लिए आई. न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने पांडियन द्वारा दायर दीवानी मुकदमे के गुण-दोष पर अपनी राय व्यक्त नहीं करते हुए कहा कि वह अंतरिम निषेधाज्ञा के आवेदन पर निर्णय लेने से पहले अन्नाद्रमुक और ईपीएस का पक्ष जानना चाहेंगे.
पढ़ें : पश्चिम बंगाल में गंगा के नीचे बेल्जियम शैली में बनेगी टनल, जानें खासियत