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लाल सागर संकट के बीच विदेश मंत्री जयशंकर जाएंगे ईरान, कई मुद्दों पर करेंगे चर्चा - जयशंकर का ईरान दौरा

EAM Jaishankar visit to Iran: विदेश मंत्री एस जयशंकर लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ईरान की दो दिवसीय यात्रा करेंगे.

EAM Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2024, 10:34 PM IST

Updated : Jan 13, 2024, 10:59 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर, लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 14-15 जनवरी को ईरान की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे.

उनकी ईरान यात्रा लाल सागर में हौथी विद्रोहियों द्वारा किए गए हमलों को लेकर वैश्विक तनाव के बीच हो रही है. यमन में हौथी विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है. जयशंकर का ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मुलाकात करने और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का कार्यक्रम है. राजनीतिक सहयोग, कनेक्टिविटी पहल महत्वपूर्ण पहलू होंगे.

सूत्रों के मुताबिक जयशंकर और अमीर-अब्दुल्लाहियन के बीच चाबहार बंदरगाह के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर भी चर्चा होने की संभावना है. यह बंदरगाह ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है. कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए इसे भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है.

चाबहार बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) परियोजना के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी देखा जाता है, जो भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी मल्टी-मोड परिवहन परियोजना है.
जयशंकर की ईरान यात्रा ईरान समर्थित हौथी संकट पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन से बात करने के तुरंत बाद हो रही है. जयशंकर ने बैठक के बाद 'एक्स' में एक पोस्ट में कहा, 'हमारी बातचीत समुद्री सुरक्षा चुनौतियों, विशेषकर लाल सागर क्षेत्र पर केंद्रित थी. यूक्रेन संघर्ष के घटनाक्रम पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया. गाजा सहित पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति पर उनकी अंतर्दृष्टि की सराहना की.'

इसके अलावा, मध्य पूर्व में चल रहे संकट को देखते हुए विदेश मंत्री की यात्रा महत्वपूर्ण है. यह कदम अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यमन में एक दर्जन से अधिक स्थलों पर बमबारी के बाद उठाया गया है.

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