नई दिल्ली: जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने के महज दो दिन ही बीते हैं और अब राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक उथल-पुथल जोर पकड़ रही है. शुक्रवार को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट दिल्ली पहुंचे. उनके आने के बाद क्या राजनीतिक समीकरण बनेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
राजस्थान की कांग्रेस इकाई में एक साल बाद बाद फिर से घमासान शुरू हो गया है. पायलट खेमे की शिकायत है कि पिछले साल से आश्वासन देने के बाद भी पार्टी आलाकमान ने उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इस खाई को पाटने के उद्देश्य से पायलट से बात करेंगी ताकि पार्टी को एक और झटका न लगे.
पायलट के रविवार तक दिल्ली में रहने की संभावना है. इस वजह से कहा जा रहा था कि वह इस दौरान पार्टी आलाकमान से मिल सकते हैं. लेकिन पायलट ने कहा कि प्रियंका गांधी या राहुल गांधी से मिलने की उनकी कोई योजना नहीं है. वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन से जब पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में इनकार नहीं किया.
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हाल ही में बीजेपी नेता रीता बहुगुणा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के कामकाज से खुश नहीं हैं और उन्होंने उनसे भगवा पार्टी में शामिल होने की बात कही है. उनके दावे के बारे में पूछे जाने पर, पायलट ने जवाब दिया, 'उन्होंने सचिन तेंदुलकर से बात की होगी. उनमें मुझसे बात करने की हिम्मत नहीं है.'
कांग्रेस पार्टी को एक झटके का सामना उस समय करना पड़ा, जब उसके युवा और प्रमुख नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए और वह भी उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले. ऐसे में कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद के बाद अपने एक और युवा तुर्क को खोने का प्रयास नहीं कर सकती.
हालांकि शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट पार्टी की राजनीति से नाराज हैं, माकन ने कहा कि वह पायलट के संपर्क में हैं और अगर वह नाराज हैं तो वे किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेंगे. माकन ने स्पष्ट किया कि पार्टी में सभी रिक्तियों को भरने की कवायद चल रही है, चाहे वह कैबिनेट के लिए हो या अन्य पदों के लिए.
बता दें कि पिछले साल जब पायलट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी तो इस झगड़े को सुलझाने के लिए कांग्रेस हाईकमान द्वारा एक समिति का गठन किया गया था. पायलट को वापस लाने में प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन अब पायलट खेमे की शिकायत है कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है.