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Biparjoy Cyclone: कच्छ के बंदरगाह से सिर्फ 430 किमी दूर बिपरजॉय, 7,000 लोगों को किया गया स्थानांतरित

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Published : Jun 12, 2023, 8:56 AM IST

Updated : Jun 12, 2023, 11:00 PM IST

गुजरात में कच्छ के जखौ बंदरगाह से चक्रवात बिपरजॉय सिर्फ 430 किमी दूर है और तेजी से गुजरात की ओर बढ़ रहा है. इसी के चलते यहां से 7,000 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. इसके अलावा सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय अधिकारियों, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मुख्य सचिव राजकुमार के साथ बिपरजॉय चक्रवात को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन की तैयारियों का जायजा लिया.

Amid heatwave concerns, IMD issues cyclone alert in Gujarat
गुजरात: चक्रवात बिपरजॉय के 15 जून को कच्छ तट पर पहुंचने की संभावना

चक्रवात बिपरजॉय

गांधीनगर: चक्रवात बिपरजॉय के 15 जून के आसपास गुजरात के जामनगर, द्वारका और कच्छ के तट से टकराने की आशंका है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय अधिकारियों और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मुख्य सचिव राजकुमार के साथ 1 घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंस की. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हवा की गति 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने पर परिवहन की सभी सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी.

समीक्षा बैठक में राहत आयुक्त आलोक पांडेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चक्रवात फिलहाल गुजरात के तट से महज 300 से 400 किमी दूर है और 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात की ओर बढ़ रहा है. फिलहाल, सभी 6 प्रभावित जिलों में निकासी अभियान शुरू कर दिया गया है और स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा कर दी गई है. आलोक पांडे ने आगे कहा कि गुजरात के तटीय जिलों द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, कच्छ और गिर सोमनाथ के कुल 25 तालुका समुद्र तट पर हैं.

यहां के 267 ग्रामीण क्षेत्र तूफान से प्रभावित होंगे, जबकि इन सभी क्षेत्रों में कुल 12,27,000 लोग तट से 0 से 25 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं. इन सभी लोगों को आवश्यकता पड़ने पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की गई है. जबकि वर्तमान में गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बीमार व्यक्तियों को स्थानांतरित करने पर पहली प्राथमिकता दी जा रही है. आलोक कुमार पांडेय ने आगे कहा कि तूफान जैसे-जैसे बढ़ रहा है और खतरनाक होता जा रहा है.

इसे ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ की टीमों को पहले सभी जिलों में एक-एक कर आवंटित किया गया था, लेकिन अब स्थिति को देखते हुए सभी जिलों में एनडीआरएफ की दो टीमें लगाई गई हैं. इसी प्रकार बायोटीम्स की तैनाती की गई है. जब हवा की गति 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी, तो सभी परिवहन, रेलवे, सड़कें भी बंद कर दी जाएंगी.

आलोक पांडेय ने आगे कहा कि तूफान को देखते हुए बिजली कंपनियों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है, क्योंकि अगर हवा तेज चली तो बिजली के खंभे गिर सकते हैं. वहीं अगर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती है, तो बिजली आपूर्ति रोक कर दी जाएगी. इसके अलावा इन छह जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों के सभी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है और सभी लोगों के संपर्क नंबर भी राज्य सरकार के पास रखे हुए हैं.

अमित शाह करेंगे आपदा प्रबंधन मत्रियों से बातचीत

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे, क्योंकि चक्रवात बिपरजॉय का खतरा पूर्वी मध्य अरब सागर पर बड़ा है. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि विज्ञान भवन में दिन भर चलने वाली बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी संभावित प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रहने को कहेंगे.

इस बीच, चक्रवात बिपरजॉय के कारण होने वाली सभी संभावित आपदाओं से निपटने के लिए रेल मंत्रालय ने व्यापक तैयारी की है. रेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि चूंकि तूफान के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र को प्रभावित करने की आशंका है, इसलिए संवेदनशील वर्गों में भावनगर, महुवा, वेरावल से पोरबंदर क्षेत्र, ओखा से हापा और गांधीधाम क्षेत्र शामिल हैं. रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे ने सुरक्षा सुनिश्चित करने और चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपायों को लागू किया है.

कंडला बंदरगाह से 7,000 लोगों को स्थांतरित किया

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के कच्छ में जखौ बंदरगाह से केवल 430 किमी दूर है. कच्छ का प्रशासन संभावित चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर तैयार है. जान-माल के नुकसान से बचने के लिए तटीय गांवों से 7,000 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. कंडला बंदरगाह पर नावों का आवागमन रोक दिया गया है. लगभग 2,000 लोगों ने अनुनय-विनय और माइक द्वारा की गई घोषणा के माध्यम से स्वेच्छा से अपना घर छोड़ दिया, जबकि बाकी 5,000 लोगों को सरकार ने शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया है.

द्वारका समुद्र में इंडियन कोस्ट गार्ड ने 11 लोगों को बचाया

गुजरात पर चक्रवात बिपरजॉय का खतरा मंडरा रहा है. जैसे-जैसे तूफान नजदीक आ रहा है, हवा की गति भी बढ़ रही है. द्वारका और ओखा के बीच समुद्र में एक ओइल रिंग में फंसे एक निजी कंपनी के 11 कर्मचारियों को भारतीय तटरक्षक हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया. चक्रवात बिपरजॉय के पूर्वानुमान के बाद सिस्टम द्वारा सभी सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है. द्वारका और ओखा समुद्र के बीच रविवार दोपहर एक निजी कंपनी के ऑयल रिंग के 11 कर्मचारियों को भारतीय तटरक्षक बल रेस्क्यू कर बचाया गया.

द्वारका समुद्र में इंडियन कोस्ट गार्ड ने 11 लोगों को बचाया

बीएसएफ ने गुजरात में गश्ती नौकाओं के सुरक्षित लंगर डालने का आदेश दिया

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय' के मद्देनजर गुजरात मोर्चे पर अपनी समुद्री इकाई की परिसंपत्तियों को 'सुरक्षित स्थिति' में रखने का आदेश दिया है. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी समुद्री नौकाओं और लगभग एक दर्जन तैरती सीमा चौकियों (छोटे जहाजों) को सुरक्षित लंगर में ले जाया जा रहा है. रेलवे ने अपने नेटवर्क पर भावनगर, महुवा, वेरावल से पोरबंदर, ओखा से हापा और गांधीधाम क्षेत्र सहित संवेदनशील खंडों की पहचान की है.

24 घंटों में गिर गए 14 पेड़, कोई जनहानि नहीं

सूरत के पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर ने घोषणा की कि सुनवाली और डुमास समुद्र तटों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. वीक एंड में लोगों की भीड़ वाले समुद्र तट सुनसान दिख रहे हैं. समुद्र तट की ओर जाने वाली सड़कों पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है और पुलिस के भी इंतजाम किए गए हैं.

सूरत शहर में भी नगर निगम की ओर से खतरनाक बैनर और होर्डिंग हटाने का अभियान शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा दमकल विभाग भी मुस्तैद है. मनपा द्वारा संचालित सिविल और स्मीर अस्पताल के सिस्टम भी अलर्ट मोड में हैं. सूरत में पिछले 24 घंटे में अलग-अलग जगहों पर 14 पेड़ गिरने की घटना भी सामने आई है.

दिनभर दमकल विभाग की टीम लगातार दौड़ती रही. हालांकि गनीमत रही कि पेड़ गिरने से किसी तरह के जनहानि की खबर नहीं आई. लेकिन अदजान इलाके में एक कार पर पेड़ गिरने से कार क्षतिग्रस्त हो गई. सूरत जिले में मंत्री मुकेश पटेल ने अधिकारियों के साथ डभारी तट के आसपास के गांवों का दौरा किया. इसके अलावा उन्होंने सिस्टम की तैयारी और प्रदर्शन का भी निरीक्षण किया. सूरत जिले में चक्रवात प्रभाव के मामले में स्थिति से निपटने के लिए 108 की टीम भी अलर्ट मोड में है.

एनसीएमसी ने चक्रवात की तैयारियों की समीक्षा की

राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सोमवार को बैठक की और चक्रवात बिपरजॉय को लेकर गुजरात सरकार तथा केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की और राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. आधिकारिक बयान में कहा गया कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और जो समुद्र में हैं, उन्हें सुरक्षित स्थान पर वापस बुलाया गया है. इसमें कहा गया कि अब तक कुल 21,000 नौकाएं खड़ी की जा चुकी हैं और निकासी के उद्देश्य से जोखिम वाले सभी गांवों की एक सूची तैयार की गई है.

बयान के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनसीएमसी को पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी. चक्रवात के बुधवार सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने और फिर गुरुवार दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच सौराष्ट्र और कच्छ तथा आसपास के पाकिस्तानी तटों को पार करने की संभावना है.

देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए चक्रवात बिपरजॉय पहुंचने की चेतावनी दी. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात बिपरजॉय से संबंधित स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक कर रहे हैं. मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.

यहां 15 जून तक चक्रवात बिपरजॉय के पहुंचने का अनुमान है. इससे पहले आईएमडी ने कहा था कि ओडिशा में अगले तीन दिनों तक गर्म मौसम और लू की स्थिति बनी रहने की संभावना है. राज्य के कई स्थानों पर तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा. आईएमडी के वैज्ञानिक दास ने आगे बताया कि इस संबंध में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. यह स्थिति 13 जून तक जारी रहेगी.

मौसम विभाग के अनुसार बाद में तापमान में थोड़ी गिरावट आएगी. इसलिए, विभिन्न जिलों में लू की स्थिति अब और नहीं बनेगी. जैसा कि देश के कई हिस्से भीषण गर्मी की स्थिति से जूझ रहे हैं, आईएमडी के वैज्ञानिक नरेश कुमार ने देश की मौजूदा स्थिति पर एक सलाह जारी की है. उन्होंने कहा, 'भारत में हीटवेव की स्थिति के बारे में बात करें तो वर्तमान में मुख्य हीटवेव जोन पूर्वी भारत है. बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लू की स्थिति बनी हुई है. इसके लिए आईएमडी ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.' इन क्षेत्रों में तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भी लू के प्रभाव में आ रहे हैं.'

चक्रवात बिपरजॉय के 15 जून को कच्छ तट पर पहुंचने की संभावना
प्रचंड चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कच्छ जिले और पाकिस्तान के कराची तट के बीच 15 जून को पहुंचने की संभावना के मद्देनजर गुजरात सरकार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है तथा छह जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित करेगी.

तूफान तटीय क्षेत्र में किस स्थान पर जमीन से टकराएगा, उसके बारे में आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी. एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा बहने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ और कराची तट से 15 जून को दोपहर 125-130 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटा तक की गति वाली हवा के साथ चक्रवात के गुजरने की अत्यधिक संभावना है. राहत आयुक्त आलोक पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तटीय जिलों के जिलाधिकारी, सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक के प्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है.

पांडे ने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे तटीय जिलों में चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए पहले से तैयारी करें और समन्वय स्थापित करें. उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव से निपटने के लिए गुजरात सरकार तटीय क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीम को तैनात कर रही है। साथ ही, सरकार तट रेखा से 5-10 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए छह जिलों में आश्रय स्थल स्थापित करेगी.

पांडे ने कहा, 'बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समन्वय में अधिकतम संभव राहत व बचाव कार्य करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने यह जिम्मेदारी तटीय जिलों के वरिष्ठ मंत्रियों को दी है, जो चक्रवात के संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन कार्य की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में स्थानीय प्रशासन की मदद करेंगे.

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Last Updated : Jun 12, 2023, 11:00 PM IST

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