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कोरोना महामारी के बीच 46 प्रतिशत भारतीय फेस्टिव सीजन में कर सकते हैं यात्रा : सर्वे

एक सर्वेक्षण से पता चला है कि फेस्टिव सीजन में 46 प्रतिशत नागरिकों की यात्रा करने की संभावना है. सर्वेक्षण को भारत भर के 331 जिलों में रहने वाले नागरिकों से 19,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं. पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

फेस्टिव सीजन
फेस्टिव सीजन

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Published : Oct 5, 2021, 3:16 PM IST

नई दिल्ली : ऐसे समय में जब केंद्र सरकार (central government ) ने मौजूदा महामारी के दौरान यात्रा संबंधित चेतावनी जारी की है. एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि 46 प्रतिशत नागरिकों के फेस्टिव सीजन (festive season) में यात्रा करने की संभावना है, जो मानसून सीजन (monsoon season) की तुलना में यात्रियों की संख्या में 60 प्रतिशत अधिक है.

सर्वेक्षण रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारत में Covid19 मामलों में कमी आई है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कहा है कि महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए लोगों को यात्रा कम करने की जरूरत है.

इस संबंध में लोकलसर्किल के संस्थापक (founder of LocalCircles) सचिन टापरिया (Sachin Taparia) ने कहा कि यह यात्रा उत्साह हमें इस साल फरवरी-मार्च की याद दिलाती है, जब लोग गर्मियों की यात्रा की योजना बनाने में व्यस्त थे.

लोकलसर्किल, एक प्रमुख सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platform ) ने अक्टूबर से दिसंबर (त्योहारों के मौसम के दौरान) में लोगों की यात्रा योजनाओं को समझने के लिए सर्वेक्षण किया है.

सर्वेक्षण ने यह भी समझने की कोशिश की गई है कि इस साल जुलाई में किए गए इसी तरह के सर्वेक्षण के साथ तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से घरेलू यात्रा कैसे बढ़ रही है.

सर्वेक्षण को भारत भर के 331 जिलों में रहने वाले नागरिकों से 19,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं. सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष थे, जबकि 36 प्रतिशत महिलाएं थीं. 44 प्रतिशत उत्तरदाता टियर 1, 27 प्रतिशत टियर 2 से थे और 29 प्रतिशत उत्तरदाता टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे.

सर्वे से सामने आया कि छह प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उन्होंने यात्रा करने के लिए टिकट बुक किया है. 22 प्रतिशत ने इन तीन महीनों के दौरान यात्रा करने की योजना बनाई है, लेकिन टिकट बुक नहीं किया है, जबकि 18 प्रतिशत ने तीन महीनों के दौरान यात्रा करने और अपनी यात्रा की तारीख के करीब टिकट बुक करने की योजना बनाई है.

वहीं, 38 प्रतिशत नागरिक ऐसे भी थे जिनकी इन तीन महीनों के दौरान यात्रा करने की कोई योजना नहीं है और 16 प्रतिशत आज की तारीख तक अनिर्णीत हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि कुल मिलाकर, 46 प्रतिशत नागरिक अक्टूबर से दिसंबर के दौरान यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, हालांकि केवल 6 प्रतिशत ने ही अपनी बुकिंग की है.

दरअसल, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ट्रैवल मेडिसिन (International Society of Travel Medicine) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश, असम जैसे पर्यटन स्थलों (tourists destinations) में देश के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है.

ये क्षेत्र ट्रांसमिशन के बढ़ते अवसरों का संकेत देते हैं, जहां जनसंख्या स्तर की प्रतिरक्षा अभी तक देश में अन्य जगहों के समान स्तर तक नहीं पहुंची है.

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भारत में Covid19 की तीसरी लहर की बढ़ती प्रत्याशा की पृष्ठभूमि के खिलाफ, यात्रा में इस तरह की वृद्धि से जुड़े संभावित जोखिमों को पहचानना महत्वपूर्ण है.

दिलचस्प बात यह है कि जब देश महामारी की दूसरी लहर के बाद आर्थिक व्यवस्था को खोल रहा था, अगस्त और सितंबर में नागरिकों की यात्रा योजना को समझने के लिए जुलाई में एक समान अभ्यास किया गया था, जिसमें पता चला कि इस अवधि में केवल 28 प्रतिशत नागरिकों ने यात्रा करने की योजना बनाई थी.

लोकल सर्किल्स के सर्वेक्षण में कहा गया है कि आने वाले महीनों में कई त्योहारों के साथ, पर्यटन उद्योग (tourism industry) में मानसून के मौसम (अगस्त से सितंबर) की तुलना में यात्रा करने वाले नागरिकों में 60 प्रतिशत की उछाल देखने की संभावना है.

सर्वे में यह पाया गया है कि जो लोग अक्टूबर-दिसंबर में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उनमें से 34 प्रतिशत परिवार और दोस्तों से मिलने की योजना बनाने वाले हैं.

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