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भारत के साथ है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति दृढ़ : अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता काल ब्राउन ने बुधवार को कहा मुंबई 26/11 हमले की 12वीं बरसी पर अमेरिका दोषियों को न्याय के दायरे में लाने और अमेरिका के छह नागरिकों सहित सभी पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है.

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Published : Nov 26, 2020, 1:49 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि वह भारत के साथ है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए दृढ़ है. साथ ही मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है. मुंबई में 26 नवंबर 2008 को भीषण आतंकवादी हमला हुआ था.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता काल ब्राउन ने बुधवार को कहा न्याय के लिए इनाम योजना के जरिए हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि इस जघन्य हमले के सभी दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जाए. ब्राउन ने कहा मुंबई 26/11 हमले की 12वीं बरसी पर अमेरिका दोषियों को न्याय के दायरे में लाने और अमेरिका के छह नागरिकों सहित सभी पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है. अपने भारतीय साझेदारों के साथ खड़े रहते हुए हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति दृढ़ हैं.

गौरतलब है कि पकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दस आतंकवादियों ने पूरे मुंबई में चार दिन तक 12 आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था. 26 नवंबर 2008 को हुए इन हमलों में छह अमेरिकियों और नौ आतंकवादियों सहित कम से कम 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे. ताजमहल होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन (चबाड) हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन आदि को निशाना बनाया गया था।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि न्याय के लिए इनाम कार्यक्रम इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के संबंध में सूचना देने पर 50 लाख डॉलर तक का इनाम देने की पेशकश करता है. इस बीच भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों ने मुंबई आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की

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