नई दिल्ली :पूर्व चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई कुरैशी (Former Election Commissioner Dr SY Qureshi) का कहना है कि समय आ गया है, जब आदर्श आचार संहिता में संशोधन किया जाना चाहिए. उनका यह बयान 9 फरवरी को पीएम मोदी के साक्षात्कार के कुछ दिनों बाद आया है. जिसके लिए आलोचक पीएम मोदी को आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहरा रहे हैं.
दरअसल, पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले चरण से ठीक एक दिन पहले टीवी पर लंबा इंटरव्यू दिया लेकिन भारत के चुनाव आयोग ने अभी तक इस पर एक शब्द भी नहीं कहा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई कुरैशी ने कहा, जब चुनाव कई चरणों में कराए जाते हैं तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के युग में आदर्श आचार संहिता को लागू करना असंभव है. उन्होंने कहा, यदि कोई भाषण चुनाव क्षेत्र के बाहर किया जाता है, तो कानूनी तौर पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को दोष नहीं दिया जा सकता.
कुरैशी ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (representation of people act) की धारा 126 में संशोधन किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संशोधन किए जाने के बाद 48 घंटे की अवधि, जब प्रचार नहीं किया जाता, उस समय में सभी को टेलीविजन पर प्रचार करने की अनुमति मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया को पहले से ही अनुमति मिली हुई है.
पूर्व चुनाव आयुक्त की आलोचनात्मक राय इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि चुनावों के दौरान, सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों गुटों के राजनीतिक नेता शायद ही चुनावी प्रोटोकॉल का पालन करते हैं. बता दें कि आदर्श आचार संहिता (model code of conduct) लोकतांत्रिक मानकों को सुरक्षित, संरक्षित और बनाए रखने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए बनाए गए हैं.