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Meteor Shower 2023 : आसमान में आज शाम को दिखेगा तारों के टूटने का अद्भुत नजारा

आसमान में आज शाम को दिखेगा तारों के टूटने (Meteor Shower 2023) का अद्भुत नजारा दिखेगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Aug 12, 2023, 9:58 AM IST

Updated : Aug 12, 2023, 12:36 PM IST

खगोलविद ने दी यह जानकारी.

गोरखपुर: 12 अगस्त यानी की आज की रात पूरे भारत और खगोलीय घटना में रुचि रखने वाले लोगों के लिए, बेहद खास होने वाली है. आसमान में ऐसा नजारा होगा जिसकी आपने कभी कल्पना नहीं की होगी. आप ब्रह्मांड के कई तारों को एक साथ टूटता हुआ अपनी आंखों से देख सकेंगे. यूं तो अंधेरा होते ही आसमान में यह रोमांच दिखने लगेगा.

तारों के टूटने का घटना कब दिखेगीःशाम होते ही उल्का पिंडों यानी टूटते हुए तारों का दिखना शुरू हो जाएगा, लेकिन रात 2 बजे से भोर तक यह सबसे ज्यादा दिखाई देगा. आसमान में इस दिन एक घंटे में 60 से 100 उल्काओं का हम दीदार कर सकेंगे. पृथ्वी से 100 किलोमीटर ऊपर 60 किमी प्रति सेकेंड की स्पीड से पूंछ वाली चमकती उल्काएं दिखेंगी. गोरखपुर नक्षत्रशाला के खगोलविद अमर पाल सिंह का कहना है कि पृथ्वी से हमें आसमान में तारे टूटने जैसा जो कुछ दिखाता है असलीयत में यह उल्का वृष्टि होती है, जो हमें तारे टूटने का अनुभव कराती है.

इस तरह से दिखेगा तारों के टूटने का नजारा

क्या होता है तारों का टूटनाःखगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि सौर मंडल के ग्रहों के बीच अंतरिक्ष में पत्थर और लोहे के अनगिनत छोटे-छोटे कंकड़ या कण मौजूद हैं. ऐसा कोई कण जब पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में आने पर तीव्र वेग से पृथ्वी के वायुमंडलीय घर्षण के कारण, रात के समय आकाश में क्षण भर के लिए चमक उठता है इसी को उल्का या टूटता तारा कहा जाता है.

क्या कहता है खगोलशास्त्रःअमर पाल ने बताया कि उल्का वृष्टि का संबंध धूमकेतुओं से है. धूमकेतु धूलिकणों और बर्फ से बनी गैसों के पिंड होते हैं. यह लंबी दीर्घवृत्ताकार कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं. इनसे निकले हुए कण इनकी कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते हैं. जब पृथ्वी किसी धूमकेतु के यात्रापथ से गुजरती है, तब उसके वे कण पृथ्वी के वायुमंडल में घर्षण से जलने लगते हैं, जो उल्काओं के रूप में हैं, तब आकाश में हमें उल्का वृष्टि का आकर्षक नजारा दिखाई देता है. इसी को खगोल विज्ञान की भाषा में मेटियर शॉवर या उल्का वृष्टि या आम बोल चाल की भाषा में इसे ही टूटते हुए तारों की संज्ञा दी जाती है.

खगोलविद की नजर से समझें तारों के टूटने की घटना

इस घटना को दिया गया परसीड मेटियर शॉवर का नामःउल्का वृष्टि को स्विफ्ट टटल धूमकेतु या इसे 109 पी भी कहा जाता. अगस्त महीने में होने वाली उल्का वृष्टि को परसीड मेटियर शॉवर नाम दिया गया है क्योंकि, यह आकाश में एक बिंदु से आती हुई दिखाई देती है जिसे रेडियंट प्वाइंट कहा जाता है जो कि पर्सीड तारामंडल की तरफ से शुरू होता है.

इस तरह से दिखेगा तारों के टूटने का नजारा

कैसे देख सकेंगे तारों का टूटनाःआकाश में यह हर तरफ दिखेगा. इसे देखने के लिए किसी तरह के टेलीस्कोपिक या अन्य किसी भी उपकरण की जरूरत नहीं होगी. 12 अगस्त की रात बादल साफ रहने पर खुली आंखों से घर से ही इस रोमांच का मजा आप ले सकेंगे/ इसे देखने के लिए किसी साफ जगह पर जाएं जहां अधिक लाइट और पॉल्यूशन न हो. अंधेरे में यह नजारा और अच्छे से दिखेगा.


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Last Updated : Aug 12, 2023, 12:36 PM IST

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