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मौनी अमावस्या को करें तिल और कंबल का दान, पितर होते हैं प्रसन्न

मंगलवार को माघ अमावस्या है. माघ मास में अमावस्या का अपना खास महत्व है. इसे मौनी अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन प्रयागराज संगम और गंगा में देवताओं का वास रहता है. इसलिए गंगा स्नान करना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होता है.

Mauni amavasya
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Published : Jan 31, 2022, 10:33 AM IST

Updated : Feb 1, 2022, 6:38 AM IST

प्रयागराज: माघ में अमावस्या का अपना खास महत्व है. इस दिन संगम और गंगा में देवताओं का वास रहता है. इसलिए गंगा स्नान करना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होता है. इस वर्ष मौनी अमावस्या का विशेष महत्व भी बताया जा रहा है, क्योंकि मौनी अमावस्या पर ग्रहों का संयोग ऐसा बना है जो इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा रहा है.

साल भर पंचांग में कुछ ऐसी विशेष तिथियों का उल्‍लेख मिलता है, जिस पर स्‍नान, दान और पूजा आदि का विशेष महत्‍व होता है. इन्‍हीं में से एक है मौनी अमावस्‍या. हर साल माघ मास के कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या को मौनी अमावस्‍या के रूप में पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है, साथ ही माघ अमावस्या या मौनी अमावस्‍या का इस वर्ष विशेष महत्व बताया जा रहा है आइए जानते हैं.

आचार्य अविनाश राय ज्योतिषाचार्य

मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का महत्व

मौनी अमावस्‍या पर प्रयागराज में संगम में स्‍नान का विशेष महत्‍व शास्‍त्रों में बताया गया है. इस दिन यहां देव और पितरों का संगम होता है. शास्‍त्रों में इस बात का उल्‍लेख मिलता है कि माघ के महीने में देवतागण प्रयागराज आकर अदृश्‍य रूप से संगम में स्‍नान करते हैं. वहीं, मौनी अमावस्‍या के दिन पितृगण पितृलोक से संगम में स्‍नान करने आते हैं और इस तरह देवता और पितरों का इस दिन संगम होता है. इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन कई गुना फल देता है. जो लोग संगम तक नहीं आ सकते हैं, उन्हें गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए.

मकर राशि में शनि का संयोग

आचार्य अविनाश राय ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि इस वर्ष की अमावस्या विशेष फलदाई इसलिए हो रही है कि मकर राशि में शनि का जो संयोग बन रहा है, जो लगभग 27 से 28 वर्षों तक नहीं मिलेगा. साथ ही यह भी बताया कि जिन लोगों की राशि कर्क, मकर या मीन राशि है तो उन सभी लोगों को इस वर्ष अमावस्या के दिन विशेष दान करना चाहिए.

माघ अमावस्या के दिन किए जाने वाले धार्मिक कर्म, व्रत और नियम

  • मौनी अमावस्या के दिन प्रातःकाल पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
  • अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी का दान करें.
  • इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. गरीब और भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं.
  • हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
  • माघ अमावस्या पर मौन रहने का विशेष महत्व बताया गया है. वहीं मौन रहना संभव न हो तो किसी को अपने मुख से कटु वचन न बोलें.

Last Updated : Feb 1, 2022, 6:38 AM IST

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