सावन अधिक मास अमावस्या : प्रत्येक महीने आने वाली अमावस्या तिथि इस बार अगस्त 16 अगस्त 2023 को है. इस बार की अमावस्या तिथि बहुत ही खास है क्योंकि यह अधिक मास में पड़ रही है. अधिक मास प्रत्येक 3 साल में एक बार आता है. यह अधिक मास सावन में पड़ रहा है तो इसलिए इसको सावन अधिक मास अमावस्या कहेंगे.अमावस्या के दिन स्नान दान और पूजा पाठ का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित है इसलिए इस दिन पितृ तर्पण, श्राद्ध आदि करने का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है.
अधिक मास और अमावस्या पर किए जाने वाले कार्य: सावन मास अमावस्या के दिन स्नान स्नान आदि से निवृत होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करें. इस दिन सूर्य पूजा का विशेष महत्व है, उनसे जुड़े मंत्र जैसे श्री ॐ घृणि सूर्याय नमः , ॐ सूर्याय नमः आदि का जाप करें. इस दिन किए गए स्नान, दान, जाप से कुंडली जनित सभी प्रकार के दोषों की शांति होती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुल कुल देवता वायु-रूप में घर के द्वार पर आते हैं. इसलिए उनके निमित्त दोपहर में सूर्य ध्यान किया जाता है और तर्पण आदि किया जाता है.
दोपहर में पितरों के निमित्त तर्पण किया जाता है गरीब और ब्राह्मणों एवं गरीबों को अन्न-धन आदि का दान किया जाता है. अमावस्या के दिन हवन, यज्ञ, दान आदि का बहुत ही ज्यादा महत्त्व है इसलिए संभव हो तो हवन-यज्ञ आदि का आयोजन करना चाहिए. चूंकि इस समय सावन का महीना चल रहा है और भगवान शिव को सावन का महीना अति प्रिय है इसलिए भगवान शिव का इस दिन जलाभिषेक रुद्राभिषेक आदि करना चाहिए इससे भगवान शिव के साथ-साथ चंद्रदेव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.
इस दिन पशु-पक्षियों, मछलियों आदि के लिए भोजन की व्यवस्था करें. विशेषकर गाय और कुत्ते को भोजन सामग्री दे. पक्षियों-मछलियों को दाना दें, पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें. जरूरतमंदों को जूता-चप्पल,छाता आदि का दान करें. किसी धार्मिक स्थान, मंदिर आदि में पूजा से जुड़ी सामग्री का दान करें. इस दिन नशा, शराब आदि का सेवन न करें, तामसिक भोजन से बचें, ब्रह्मचर्य का पालन करें. अमावस्या तिथि 16 अगस्त 2023 को दोपहर 03:07 समाप्त हो जाएगी . amavasya august 2023