बोलपुर: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) का 'तर्कसंगतता और सामाजिक विकल्प' शीर्षक से एक लेख वियतनाम में टी-शर्ट पर प्रकाशित किया जा रहा है. यह टी-शर्ट अमेरिका में हॉट केक की तरह बेची जा रही है. विश्व बैंक के पूर्व प्रमुख और भारत सरकार के पूर्व आर्थिक सलाहकार कौशिक बोस ने इस संबंध में ट्वीट किया है.
'अमर्त्य' का नाम स्वयं विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने रखा था. यह कहने की जरूरत नहीं है कि दुनिया भर में उनकी प्रशंसा की जाती है. 1998 में, प्रोफेसर अमर्त्य सेन ने अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीता. बाद में उन्हें 1999 में 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, बंगाल के इस अर्थशास्त्री को भारत और विदेशों में 120 से अधिक पुरस्कार और स्पेन का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है.
लगभग 90 वर्षीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को टैगोर द्वारा उनके पिता को पट्टे पर दी गई भूमि के संबंध में विश्वभारती अधिकारियों से खतरा है. कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने उन्हें 'जमीन हड़पने वाला' बताते हुए पत्र भेजने से लेकर उनकी नोबेल जीत पर भी सवाल उठाए हैं. मामले को लेकर कई बार विवाद भी हुआ.
हालांकि, शुरुआत से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, फिल्म निर्देशक गौतम घोष, चित्रकार शुभप्रसन्ना भट्टाचार्य, योगेन चौधरी, संगीतकार कबीर सुमन, प्रोफेसर सेन के साथ खड़े रहे.