मुंबई :प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) ने शुक्रवार देर शाम को राष्ट्र सेवा दल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत अपने दवा निर्माण के कौशल और साथ ही उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बेहतर स्थिति में था. सेन की ये टिप्पणियां कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर की पृष्ठभूमि में आई हैं. कुछ प्रतिष्ठित लोगों का कहना है कि पहले ही विजयी होने की भावना से यह संकट पैदा हुआ.
सेन ने कहा कि सरकार में भ्रम के कारण संकट से खराब तरीके के निपटने की वजह से भारत अपनी क्षमताओं के साथ काम नहीं कर सका. उन्होंने कहा, 'सरकार ने जो किया उसका श्रेय लेने की इच्छुक दिखाई दी, जबकि उसे यह सुनिश्चित करना था कि भारत में यह महामारी न फैले. इसका नतीजा काफी हद तक स्किजोफ्रेनिया (Schizophrenia) जैसा था.'
स्किजोफ्रेनिया एक गंभीर मनोरोग है जिसमें रोगी वास्तविक और काल्पनिक संसार में भेद नहीं कर पाता.
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर सेन ने 1769 में एडम स्मिथ के लिखे एक लेख के हवाले से कहा कि अगर कोई अच्छा काम करता है तो उसे उसका श्रेय मिलता है और श्रेय कई बार एक संकेत होता है कि कोई व्यक्ति कितना अच्छा काम कर रहा है.