Amarnath Yatra 2023: खराब मौसम के कारण अमरनाथ यात्रा लगातार तीसरे दिन निलंबित - Himalaya Cave Temple
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण विश्व प्रसिद्ध अमरनाथ यात्रा पर असर पड़ा है. भारी बारिश के कारण अधिकारियों ने रविवार को लगातार तीसरे दिन अमरनाथ यात्रा स्थगित करने का फैसला किया है.
Amarnath Yatra
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Published : Jul 9, 2023, 10:22 AM IST
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Updated : Jul 9, 2023, 12:29 PM IST
बारिश के बावजूद अमरनाथ यात्रियों का उत्साह कम नहीं.
श्रीनगर:जम्मू संभाग और कश्मीर दोनों में भारी बारिश के कारण अधिकारियों ने रविवार को लगातार तीसरे दिन अमरनाथ यात्रा स्थगित करने का फैसला किया. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर पंथयाल सुरंग के पास सड़क का एक हिस्सा धंस गया है, जिससे राजमार्ग बंद हो गया है. उन्होंने कहा, 'शनिवार से दक्षिण कश्मीर पहलगाम और उत्तरी कश्मीर बालटाल यात्रा मार्गों पर भारी बारिश जारी है.
जम्मू-श्रीनगर हाईवे कई जगहों पर ब्लॉक हो गया है. लगातार दूसरे दिन हाईवे बंद होने से यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं. इस बीच, बीकन और नागरिक प्रशासन द्वारा सड़क बहाली का कार्य प्रगति पर है. प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू से किसी भी तीर्थयात्री को कश्मीर की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई है और वहां सड़क बहाल होने या मौसम की स्थिति ठीक होने के बाद ही उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी.
कई स्थानों पर लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण शुक्रवार से यात्रियों को बेस कैंप पर रोक दिया गया है. आज भी किसी भी श्रद्धालु को आगे जाने की इजाजत नहीं है. सरकार के मुताबिक, मौसम की स्थिति अनुकूल होने पर यात्रा ट्रैक पहले से निर्धारित किया जाएगा जिसके बाद तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि 'आज सुबह दोनों आधार शिविरों से किसी भी यात्री को गुफा मंदिर की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई. हालांकि, मौसम में सुधार होना शुरू हो गया है इसलिए आज स्थिति की समीक्षा की जाएगी. अब तक 87,000 से अधिक तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं.
यात्री या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से हिमालय गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं, जिसमें पहलगाम बेस कैंप से 43 किलोमीटर की चढ़ाई होती है या उत्तरी कश्मीर बालटाल बेस कैंप से 13 किलोमीटर की चढ़ाई होती है. पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में 3-4 दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन आधार शिविर में लौट आते हैं.
दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. गुफा मंदिर में एक बर्फ की संरचना है जिसके बारे में भक्तों का मानना है कि यह भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है. बर्फ के स्टैलेग्माइट की संरचना चंद्रमा की कलाओं के साथ घटती और बढ़ती रहती है. इस वर्ष की 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई जो 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा उत्सव के साथ समाप्त होगी. तीर्थयात्रियों को ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए अधिकारियों ने यात्रा के दोनों मार्गों पर स्थापित 'लंगर' में सभी जंक फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है.