श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए 30 जून से तीर्थयात्रा शुरू होगी. दो साल बाद शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. इस संबंध में कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.
बैठक में जीओसी विक्टर फोर्स, आईजी सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों और दक्षिणी जिलों के संबंधित एसएसपी ने भाग लिया. अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा की गई और इन चिंताओं को दूर करने के लिए एक रोडमैप पर भी चर्चा की गई. गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है जबकि जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ ने हाईवे और अन्य सड़कों पर भी नए बंकर बनाए हैं. हाल ही में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि इस साल तीर्थयात्रा को लेकर पर्याप्त खुफिया रिपोर्ट्स हैं कि आतंकवादी इस पर हमला कर सकते हैं.
उपराज्यपाल ने अमरनाथ बेस कैंप में व्यवस्थाओं की समीक्षा की:वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जम्मू में अमरनाथ बेस कैंप यात्री निवास में व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा का केवल धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व ही नहीं है. यह अर्थव्यवस्था को गति देने में भी अहम भूमिका निभाती है. उन्होंने कहा कि इस साल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.
इधर, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) भी अमरनाथ यात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन इस पवित्र गुफा को जाने वाले पहलगाम एवं बालटाल दोनों मार्गों पर अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था कर श्राइन बोर्ड की कोशिशों में हाथ बटा रहा है. बोर्ड तीर्थयात्रा करने के इच्छुक श्रद्धालुओं के वास्ते सारे इंतजाम कर रहा है. साथ ही उसने उन लोगों के लिए ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की है जो यात्रा नहीं कर सकते. एसएएसबी के एक अधिकारी ने कहा, 'जो श्रद्धालु यात्रा के लिए नहीं आ सकते, वे ऑनलाइन दर्शन, पूजा, हवन एवं प्रसाद की सुविधा ले सकते हैं.'