चंडीगढ़ : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को राज्य में संकट से निपटने के अपने तरीके को छिपाने के लिए पार्टी के विभिन्न नेताओं द्वारा बेबुनियाद झूठ बोलने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत और रणदीप सुरजेवाला द्वारा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके खिलाफ भेजे गए आत्मविश्वास की कमी व्यक्त करने वाले कथित पत्र पर साझा किए गए परस्पर विरोधी नंबरों की ओर इशारा करते हुए इसे त्रुटियों की कॉमेडी करार दिया.
वहीं कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को दावा किया कि अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नहीं हटाया बल्कि कांग्रेस के 78 विधायक उन्हें हटाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों का विश्वास खो देता है तो उसे पद पर नहीं बने रहना चाहिए. सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, '(पंजाब में) 79 में से 78 विधायकों ने मुख्यमंत्री को हटाने के लिए पत्र लिखा था. अगर हम मुख्यमंत्री नहीं बदलते तो आप हम पर तानाशाही का आरोप लगाते. मुख्यमंत्री एक तरफ और 78 विधायक एक तरफ और आप उन्हें सुनना नहीं चाहते.'
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उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं और पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला उन्होंने नहीं लिया. जैसा कि मैंने आपको बताया, 78 विधायकों ने पत्र लिखा था और उसके बाद हमने मुख्यमंत्री को बदल दिया.' गौरतलब है कि इससे पहले अमरिदंर सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के उस आरोप का खंडन किया था कि वह विधायकों का विश्वास खो चुके हैं.
दिलचस्प बात यह है कि एक दिन पहले हरीश रावत ने एक प्रेस बयान में कहा था कि 43 विधायकों ने इस मुद्दे पर आलाकमान को पत्र लिखा था. अमरिंदर ने चुटकी लेते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि पूरी पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू की कॉमिक थियेट्रिक्स की भावना से प्रभावित हो गई है. आगे वे दावा करेंगे कि 117 विधायकों ने उन्हें मेरे खिलाफ लिखा था!' उन्होंने कहा, 'पार्टी में यह स्थिति है. वे अपने झूठ का ठीक से समन्वय भी नहीं कर सकते. इसके अधिकांश वरिष्ठ नेताओं का पार्टी के कामकाज से पूरी तरह से मोहभंग हो चुका है.'
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की सच्चाई यह है कि जिन 43 विधायकों ने उस पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, उन्हें दबाव में ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था. कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पंजाब संकट से निपटने के अपने कुप्रबंधन को लेकर एक कोने में धकेल दिए जाने के बाद, कांग्रेस अब पूरी तरह से दहशत की स्थिति में है, जो उसके नेताओं के बयानों से स्पष्ट है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दहशत से त्रस्त पार्टी आंतरिक अराजकता से जूझ रही है और अपनी विफलताओं के दोष को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.