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आठवीं का छात्र बना अलवर का एक दिन का कलेक्टर, अधिकारियों को दिए निर्देश - अलवर का एक दिन का कलेक्टर

अलवर में कक्षा 8 में पढ़ने वाले रोहित के लिए बुधवार का दिन अविस्मरणीय रहा. रोहित बुधवार को अलवर जिला कलेक्टर के कक्ष में विशेष आमंत्रित सदस्य बनकर पहुंचा. अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बालक रोहित का गर्मजोशी से स्वागत किया और उसे कलेक्टर चेंबर में प्रत्येक वस्तु से रूबरू कराया.

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एक दिन के लिए DM बना रोहित

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Published : Feb 18, 2021, 7:08 AM IST

अलवर :फिल्म नायक तो आपने भी देखी होगी, जिसमें अनिल कपूर एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे. खैर ये रील लाइफ की बात थी, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी ही रियल लाइफ की कहानी बता रहे हैं, जिसमें कक्षा 8वीं में पढ़ने वाले एक गरीब छात्र ने एक दिन के लिए डीएम यानी कलेक्टर का पद संभाला है. ना सिर्फ पद संभाला, बल्कि अधिकारियों के साथ मीटिंग भी ली. जी हां, सुनकर भले ही ताज्जुब हो, लेकिन राजस्थान के अलवर में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है.

एक दिन के लिए DM बना रोहित

एक दिन का DM बना रोहित.

दरअसल, अलवर में कक्षा 8 में पढ़ने वाले रोहित के लिए बुधवार का दिन अविस्मरणीय रहा. रोहित बुधवार को अलवर जिला कलेक्टर के कक्ष में विशेष आमंत्रित सदस्य बनकर पहुंचा. अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बालक रोहित का गर्मजोशी से स्वागत किया और उसे कलेक्टर चेंबर में प्रत्येक वस्तु से रूबरू कराया. सुबह 10 बजे नाश्ते के बाद जिला कलेक्टर के साथ रोहित लगातार मीटिंग में शामिल हुआ. पूरे दिन रोहित ने कलेक्टर का जीवन जिया, उसके बाद शाम को रोहित को उनके घर सरकारी गाड़ी से छुड़वाया गया.

कार्य को देखा, मीटिंग में शामिल रहा

इस दौरान रोहित ने बड़े गौर से जिला कलेक्टर के प्रत्येक कार्य का अवलोकन किया और इसके साथ ही उसने देखा कि किस तरह जिला कलेक्टर संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश प्रदान करते हैं. यहां रोहित ने जाना कि किस तरह हर समस्या के समाधान के लिए जिला कलेक्टर अधिकारियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. जिला कलेक्टर के प्रेम से अभिभूत रोहित को लगा कि जैसे आज वही जिला कलेक्टर बनकर अधिकारियों को निर्देशित कर रहा है.

रोहित ने कहा कि जिला कलेक्टर पहाड़िया ने उसके सपने को साकार कर दिया. उसने कहा कि वह पहले सोचता था कि कलेक्टर हमेशा एसी के चेंबर में बैठकर आराम करते हैं. लेकिन, जब वह जिला कलेक्टर के साथ रहा और लगातार मीटिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जनसुनवाई और उसके बाद निरीक्षण में अति व्यस्त दिखे, तब रोहित को पता चला कि वास्तव में जितना बड़ा पद होता है. काम भी उतना ही अधिक करना पड़ता है.

IAS बनने का सपना

शाम को महत्वपूर्ण फाइलों पर डिस्कशन करने के बाद रोहित को लेकर जिला कलेक्टर तिजारा के लिए रवाना हो गए. रास्ते में जिला कलेक्टर ने रोहित को कुछ फल भी खिलाएं, उसके बाद सीधा तिजारा में एसडीएम कोर्ट का निरीक्षण किया. सुबह से शुरू हुआ यह सिलसिला शाम तक चला. इसके बाद रोहित ने कहा कि वो बड़े होकर आईएएस बनना चाहेंगे.

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कैसे हुआ रोहित का चयन

जिला कलेक्टर ने अलवर के नवीन स्कूल में एक सम्मान समारोह में जिला कलेक्टर ने कहा कि कौन बच्चा आईएएस बनना चाहता है, इसमें रोहित ने कहा कि वो आईएएस बनना चाहते हैं. इस पर जिला कलेक्टर ने रोहित को अपने साथ रखा.

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