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रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन जरूरत के आधार पर हो : उच्च न्यायालय - रेमडेसिविर की कालाबाजारी

रेमडेसिविर के अनियमित वितरण को लेकर बंबई उच्च न्यायालय की नापगुर पीठ ने कहा कि इसका वितरण जरूरत के आधार पर होना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

Remdesivir
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Published : Apr 19, 2021, 7:03 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय की नापगुर पीठ ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण जरूरत के आधार पर हो. उसने केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार से सवाल भी किया कि राज्यों एवं जिलों के बीच इस दवा के वितरण में किस मापदंड का पालन किया जाता है.

न्यायमूर्ति सुनील सुकरे और न्यायमूर्ति एस एम मोडक की खंडपीठ ने कहा कि यदि देश में कोविड-19 के 40 फीसद मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं तो रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन भी उसी प्रतिशत से होना चाहिए.

रेमडेसिविर कोविड-19 के गंभीर मरीजों में इस्तेमाल आने वाली सूचीबद्ध दवा है. कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के चलते इस दवा की मांग अचानक बहुत बढ़ जाने पर केंद्र ने स्थिति के सुधरने तक पिछले सप्ताह उसके निर्यात पर रोक लगा दी थी.

न्यायमूर्ति सुकरे ने कहा, यदि महाराष्ट्र से 40 फीसदी कोविड-19 मामले आते हैं तो यही कहना सही है कि इस राज्य को 40 फीसद रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया जाए. आवंटन जरूरत के आधार पर हो न कि अन्य किसी गैर प्रासंगिक आधार पर.

अदालत ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को 21 अप्रैल तक हलफनामे देकर यह बताने को कहा कि रेमडेसिविर के विनियमन एवं वितरण में किस मापदंड का पालन किया जाता है.

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अदालत ने कोविड-19 महामारी, अस्पतालों की कमी तथा जनता के सामने आ रही अन्य परेशानियों के मुद्दे पर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

अदालत ने महाराष्ट्र में विभिन्न जिलों के बीच रेमडेसिविर के आवंटन में 'असमानता एवं मनमानेपन' को लेकर महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई भी की.

एक याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से कहा कि ठाणे की तुलना में नागपुर को कम रेमडेसिविर दी गयी है.

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