नई दिल्ली :इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना (Foundation Day of Allahabad University) के आज 135 साल पूरे हो गए हैं. आज के दिन 23 सितंबर को सिर्फ 13 छात्रों के साथ शुरू हुआ म्योर कॉलेज धीरे धीरे ‘पूरब का आक्सफोर्ड’ (Oxford of the East) बन गया. एक जमाने में यह विश्वविद्यालय को आईएएस की फैक्ट्री कहा जाता था, लेकिन आजकल यह धरना प्रदर्शन व आन्दोलन के लिए चर्चा में बना हुआ है. इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय तो कई साल पहले बन गया था, लेकिन इसमें कई और तरह के परिवर्तन बाकी थे. इसमें जब फीस स्ट्रक्चर (Allahabad University Students Movement Against fees Hike) को बदलकर विश्वविद्यालय की आय बढ़ाने की योजना बनी तो इसका विरोध शुरू हो गया है. अब यह बड़े आंदोलन का रुप ले चुका है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि यह गतिरोध क्यों बना हुआ है और इसका हल क्या है....
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने विभिन्न यूजी, पीजी और पीएचडी कोर्सेस की फीस में लगभग 100 साल बाद बढ़ोत्तरी करने का दावा करते हुए 14 सितंबर 2022 को एक जानकारी साझा की और बताया कि सन 1922 के बाद यह पहला अवसर है, जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि की जा रही है. इसी के बाद से माहौल गर्म होने लगा और विरोध प्रदर्शन के साथ साथ बवाल भी शुरू हो गया.
फीस बढ़ोतरी पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों को आदेश मिला है कि उन्हें अपने स्तर पर फंड का इंतजाम करना होगा. इसीलिए कोर्सेस की फीस बढ़ाकर सरकार पर निर्भरता कम करने की कोशिश की जा रही. पिछले 110 साल से हर महीने छात्रों से ली जाने वाली ट्यूशन फीस 12 रुपए थी. इसके साथ साथ बिजली का बिल, हॉस्टल मेंटेनेंस फीस का बढ़ाया जाना जरूरी हो गया था, इसीलिए विश्वविद्यालय प्रशासन को यह फैसला लेना पड़ा है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा बीए की फीस 975 रुपये से बढ़ाकर बिना लैब वाले विषयों के लिए 3901 और लैब विषयों के लिए 4151 रुपये कर दी गई है. बीएससी की फीस 1125 रुपये से बढ़ाकर 4151 रुपये कर दी गई है, जो कि बढ़ोत्तरी के बाद भी सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सबसे कम बतायी जा रही है. बीकॉम की बात करें तो यह 975 रुपये से बढ़ाकर 3901 रुपये कर दी गई है. हालांकि इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि यहां की फीस कई जगहों की तुलना में अभी भी काफी कम है.
वहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय की हास्टल फीस के मामले (Allahabad University Hostel fees) में काफी किरकिरी हो रही है. हॉस्टल की सुविधाओं को बिना बढ़ाए बेतहाशा फीस वृद्धि से छात्रों में उबाल है. आप यहां देख सकते हैं कि फीस कितनी हो गयी है. यह बाकी विश्वविद्यालयों से कितनी अधिक है...
जानिए पिछले 15 दिनों में कब कब क्या हुआ
- 6 सितंबर : फीस वृद्धि के विरोध में आयुष प्रियदर्शी, अभिषेक यादव, राहुल सरोज, मनजीत पटेल और गौरव गौड़ नाम के छात्र आमरण अनशन पर बैठे
- 7 सितंबर : इलाहाबाद विश्वविद्यालय कैंपस में छात्रों ने पैदल मार्च करते हुए विरोध में नारेबाजी की.
- 8 सितंबर: छात्र नेताओं ने बैठक कहा फीस नहीं घटी तो हम सामूहिक रूप से प्राणों की आहूति देंगे.
- 9 सितंबर: छात्र नेताओं ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण को दो घंटे तक बंधक बनाया.
- 10 सितंबर: अनशनरत छात्र गौरव गौड़ की हालत बिगड़ी.
- 11 सितंबर: छात्र मनजीत और राहुल सरोज की हालत बिगड़ी, विश्वविद्यालय परिसर में आक्रोश मार्च निकाला गया.
- 13 सितंबर: सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोक दल और छात्र संगठनों विरोध को समर्थन दिया.
- 14 सितंबर: आम आदमी पार्टी भी छात्रों के समर्थन में आयी.
- 15 सितंबर: छात्रों ने मशाल जुलूस निकालकर विरोध किया.
- 16 सितंबर: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का समर्थन में ट्वीट, शिवपाल यादव की पार्टी का समर्थन.
- 17 सितंबर: छात्र नेताओं ने बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई.
- 18 सितंबर: छात्रों ने भैंस के आगे बीन बजाई.
- 19 सितंबर: आदर्श भदौरिया ने मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया
- 20 सितंबर : सितंबर : छात्रों ने उग्र प्रदर्शन तेज, एक छात्र ने मिट्टी का तेल पी लिया
- 21 सितंबर : समाजवादी छात्रसभा के छात्र नेता के घर पर बुलडोजर चलाने की चर्चा
- 22 सितंबर : इविवि परिसर के प्रवेश द्वार का ताला तोड़ा, प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार से झड़प, कई के खिलाफ एफआईआर
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छात्र नेता अखिलेश यादव
''इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कोई मॉल तो है नहीं कि आप यहां आचार, मट्ठा बेच रहे हैं. यूनिवर्सिटी से जो लड़के पढ़कर निकलते हैं, वही आगे चल कर अधिकारी बनते हैं. आप यहां ह्यूमन रिसोर्स को डेवलप कर रहे हैं. अगर आप इसे धन उगाही की नजर से देखेंगे, तो अपने लक्ष्य से भटक जाएंगे. वीसी मैडम का लड़का तो बाहर की यूनिवर्सिटी में पढ़ता है, यहां गरीब घर के लड़के आते हैं. वह तो आ ही नहीं पाएंगे."
ABVP कार्यकर्ता अतेंद्र सिंह