लखनऊ : मीडिया को विनियमित करने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश तैयार करने की राज्य को निर्देश देने की याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि झूठी, मनगढ़ंत और सुनियोजित खबरों का खतरा समाज को नुकसान पहुंचा रहा है. लेकिन याचिकाकर्ता की मांग नीति के दायरे में आती है, कोर्ट के दायरे में नहीं.
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अब्दुल मोइन की खंडपीठ ने इस याचिका की सुनवाई की. याचिका कर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि मीडिया को विनियमित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कराए जाने से झूठी, मनगढ़ंत और सुनियोजित समाचार फैलाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सकता है. इस पर अदालत ने कहा कि प्रार्थना मुख्य रूप से नीति के दायरे में है और कोर्ट के दायरे में नहीं है. इसलिए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस तरह से मीडिया में गड़बड़ी की प्रवृत्ति को रोकने के लिए एक नीति तैयार करने/लाने के लिए राज्य को निर्देश देने की मांग की है, जो कोर्ट के दायरे से बाहर है.