प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामजन्म भूमि पर आतंकी हमला करने की साजिश करने वाले चार आतंकियों की जमानत मंजूर कर ली है. इन चारों को अधीनस्थ न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. ये सभी अभियुक्त प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में पिछले 18 वर्ष से अधिक समय से बंद हैं. सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर इन्होंने जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने चारों अभियुक्तों को अपील लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
आतंकवादी हमले में शामिल शकील अहमद, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल और डॉक्टर इरफान ने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी. इस पर जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी. अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि रामजन्म भूमि स्थल पर हुए हमले में मारे गए आतंकवादियों के पास से बरामद मोबाइल हैंडसेट के आधार पर उनको अभियुक्त बनाया गया है. हैंडसेट की बरामदगी साबित नहीं की गई है, न ही घटना की प्राथमिकी में किसी मोबाइल हैंडसेट के बरामद होने का जिक्र है. न ही पंचायतनामा रिपोर्ट में मोबाइल हैंडसेट की बरामदगी का जिक्र किया गया है. घटना में कुल 29 साक्षी पेश किए गए, जिनमें से सिर्फ तीन गवाहों ने मोबाइल हैंडसेट बरामद होने की बात कही. जबकि, पंचनामा में अन्य सभी बरामद सामानों का ब्योरा दिया गया है. यह भी बहस की गई कि चारों आरोपियों में से किसी का भी कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.
जमानत का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने कहा कि मारे गए आतंकवादी के पास बरामद मोबाइल से कई सिम कार्ड उपयोग किए गए थे, जिनका संबंध आरोपियों से है. उनकी सीमा पार बैठे लोगों से बात होती थी. अभियुक्तों ने अपना जुर्म स्वीकार किया है. अपर महाधिवक्ता का कहना था कि अपील की पेपर बुक तैयार है. जमानत पर विचार करने के बजाय अपील निस्तारित की जाए.