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क्रिकेट की स्मार्ट बॉल से कितना बदलेगा खेल ? एक क्लिक में जानिये सब कुछ

तकनीक से भरे खेल क्रिकेट में अब स्मार्ट बॉल का इस्तेमाल हो रहा है. मैदान पर स्टंप माइक से लेकर स्पाइडर कैमरा तक आपने देखा होगा इसके अलावा हॉट स्पॉट, हॉक आई, स्निको मीटर, स्पीड गन जैसी तकनीक के बारे में भी आप जानते होंगे. लेकिन ये स्मार्ट बॉल क्या बला है ? इसके बारे में सबकुछ जानने के लिए पढ़िये ईटीवी भारत का ये एक्सप्लेनर

smart ball
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Published : Aug 31, 2021, 8:15 PM IST

हैदराबाद: स्मार्ट फोन, स्मार्ट वॉच, स्मार्ट टीवी के बाद अब स्मार्ट गेंद आ गई है और इस गेंद का इस्तेमाल क्रिकेट में शुरू भी हो चुका है. लाल, सफेद और गुलाबी गेंद के बाद अब क्रिकेट में स्मार्ट गेंद की एंट्री हो चुकी है. आखिर क्या है ये स्मार्ट गेंद (smart ball), जिसे क्रिकेट के मैदान में क्रांतिकारी बदलाव कहा जा रहा है. इस गेंद के इस्तेमाल, फायदे समेत आपको सब कुछ बताएंगे ईटीवी भारत एक्सप्लेनर में (etv bharat explainer)

क्या है ये स्मार्ट बॉल ?

स्मार्ट बॉल दिखने में एक आम क्रिकेट गेंद की तरह ही है लेकिन इसके अंदर एक सेंसर वाली चिप होगी. जिसके बाद आम सी दिखने वाली ये गेंद बहुत खास हो जाएगी. क्योंकि इस चिप के बाद ये एक इंटेलिजेंट या स्मार्ट बॉल कहलाती है. क्रिकेट का सामान बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी कूकाबुरा (kookaburra) ने इस गेंद को टेक इनोवेटर स्पोर्टस कोर (Sportscor) के साथ मिलकर तैयार किया है. टेक इनोवेटर स्पोर्ट्स कोर के चेयरमैन माइकल कास्प्रोविच (Michael Kasprowicz) हैं, जो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के जाने-माने तेज गेंदबाज रहे हैं.

क्या-क्या बताएगी स्मार्ट बॉल ?

स्मार्ट बॉल क्या नया करेगी ?

स्मार्ट बॉल दुनिया की पहली माइक्रोचिप लगी गेंद है. सेंसर युक्त ये चिप रियल टाइम में बॉल की रफ्तार, स्पिन, पावर, बाउंस जैसी जानकारी इकट्ठा करेगी. ये जानकारी एक ऐप के जरिये स्मार्टवॉच, मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप या कंप्यूटर पर देखी जा सकती है. कंपनी का दावा है कि इस गेंद से खेल में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे और खेल का अनुभव पूरी तरह से बदल जाएगा.

बॉल के अंदर होगी सेंसर वाली चिप (तस्वीर: ट्विटर)

कैसे काम करेगी गेंद में लगी चिप ?

गेंद जैसे ही गेंदबाज़ के हाथ से छूटेगी, बॉल के अंदर लगा सेंसर एक्टिव हो जाएगा. जो हाथ से छूटते ही गेंद की हर हरकत को रिकॉर्ड करेगा. बॉल का घुमाव, रफ्तार, स्पिन, जैसी जानकारी अलग-अलग स्टेज पर हासिल करेगा.

पहली बार गेंद करेगी बात

ये स्मार्ट गेंद को लेकर कंपनी की टैगलाइन है, For the first time, the ball will talk यानी पहली बार गेंद बात करेगी. दरअसल गेंद के अंदर लगी चिप गेंद की हर हरकत पर हर जगह नजर रखेगी. जैसे गेंदबाज से हाथ से छूटते वक्त गेंद की रफ्तार और घुमाव कितना था, पिच पर गिरने के बाद रफ्तार, घुमाव या बाउंस में क्या बदलाव आया, बॉल फेंकने से लेकर पिच पर पड़ने और बैट पर लगने तक गेंद की पावर, स्पिन, बाउंस समेत तमाम डाटा इस चिप के जरिये ऐप तक पहुंचेगा.

कूकाबुरा कंपनी ने बनाई है स्मार्ट बॉल (तस्वीर: ट्विटर)

कितनी देर में मिलेगा गेंद का डाटा ?

बॉल में लगी चिप एक खास ऐप से लिंक होगी. ऐप पर बटन दबाते ही रिकॉर्डिंग शुरू हो जाएगी. गेंदबाज के बॉल फेंकते ही डेटा कलेक्ट होता है. ये डेटा ब्लूटूथ के जरिए जमीन पर रखे राउटर तक पहुंचता है. वहां से इसे क्लाउड पर भेजा जाता है, यहां से डेटा ऐप पर आंकड़ों के रूप में मिल जाता है और इसमें औसतन 5 सेकेंड का वक्त लगता है यानि गेंद फेंकने से लेकर फाइनल रिजल्ट तक की पूरी प्रक्रिया में 5 सेकेंड का वक्त लगता है.

कुछ इस तरह से डेटा दिखाएगी स्मार्ट गेंद (तस्वीर: ट्विटर)

मौजूदा तकनीक और स्मार्ट गेंद में अंतर

मौजूदा वक्त में गेंदबाज के गेंद डालने पर सिर्फ उसकी रफ्तार का सिर्फ एक ही डाटा मिलता है. फिलहाल गेंद की रफ्तार एक निश्चित रडार के जरिये ही निकाली जाती है, भले बॉल की हाइट और रिलीजिंग प्वाइंट कुछ भी हो. लेकिन स्मार्ट गेंद में लगी सेंसर वाली चिप गेंदबाज के हाथ से छूटने के बाद गेंद की रफ्तार और स्पिन बताने के बाद, पिच पर पड़ने से पहले और पिच पर पड़ने के बाद की रफ्तार और स्पिन का भी डाटा देगी. साथ ही गेंदबाज ने गेंद डालने में कितनी ताकत का इस्तेमाल किया है ये भी पता चलेगा.

क्या-क्या बताएगी स्मार्ट बॉल ?

आम कूकाबुरा गेंद से कितनी अलग है स्मार्ट गेंद ?

कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया से लेकर दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश तक में टेस्ट, वनडे और टी20 मुकाबलों में होता है. स्मार्ट बॉल कूकाबुरा की आम गेंद जैसी ही होगी. ना तो आकार में अंतर होगा, ना वजन में और ना ही इसके व्यवहार में बदलाव आएगा. सिर्फ गेंद के कोर यानि अंदरूनी भाग में कुछ बदलाव किए गए हैं ताकि चिप लगाई जा सके.

क्रिकेट की स्मार्ट गेंद (तस्वीर: ट्विटर)

स्मार्ट गेंद के फायदे ?

आज का क्रिकेट तकनीक के बिना अधूरा है. हॉट स्पॉट, हॉक आई, स्पाइडर कैम, स्निको मीटर, स्पीड गन, स्टंप माइक जैसी तमाम तकनीकें हैं जिनका इस्तेमाल क्रिकेट को बेहतर बनाने के लिए हो रहा है. इन तकनीकों के सहारे गेंदबाज से लेकर बल्लेबाज तक मैदान पर की गई अपनी गलतियों या खामियों को देखते हैं और उन्हें दूर करने की कोशिश करते हैं. इसी तरह विरोधी टीम के खिलाड़ियों की कमियां या खूबियां भी तकनीक के सहारे पता लगती हैं और विरोधियों के खिलाफ तैयारी करते हैं.

स्मार्ट गेंद से भी इसी तरह की मदद खिलाड़ियों को मिलेगी. किसी स्पिनर या तेज गेंदबाज को उसकी फेंकी गेंद की खूबियां और कमियां पता चलेंगी. इसी तरह बल्लेबाज भी स्मार्ट बॉल से मिली जानकारी के सहारे किसी विशेष गेंदबाज के खिलाफ अपनी तैयारी कर सकेगा.

माइकल कास्प्रोविच स्मार्ट गेंद को क्रिकेट में नई क्रांति बताते हैं, उनके मुताबिक ये सिर्फ एक टूल नहीं है बल्कि इस गेंद के इस्तेमाल से खेल के प्रेमी और दर्शक खुद को इस खेल के और करीब महसूस करेंगे.

गेंद के वजन, आकार और व्यवहार पर नहीं पड़ेगा फर्क (तस्वीर: ट्विटर)

इंटरनेशनल मैच में कब आएगी स्मार्ट गेंद ?

स्मार्ट गेंद का इस्तेमाल फिलहाल वेस्टइंडीज की घरेलू टी20 लीग सीपीएल (CPL) यानि Caribbean Premier League में हो रहा है. ये लीग 26 अगस्त से शुरू हुई है. कंपनी की मानें तो इस बॉल की पर्याप्त टेस्टिंग होना बाकी हैं. हालांकि इस गेंद को बनाने वालों को उम्मीद है कि अगले साल तक वो आईसीसी और क्रिकेट खेलने वाले देशों के बोर्ड को इस गेंद के इस्तेमाल के लिए हर जरूरी तैयारी कर लेंगे. सीपीएल के बाद कंपनी कई दूसरे बड़े टी20 घरेलू लीग में गेंद के इस्तेमाल का प्लान बना रही है.

सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है कूकाबुरा की गेंद

टेस्ट मैच हो या वनडे, टी20 हो या घरेलू मुकाबले दुनियाभर में सबसे ज्यादा कूकाबुरा की गेंद का इस्तेमाल होता है. कंपनी टेस्ट मैच के लिए लाल और गुलाबी गेंद के अलावा वनडे के लिए सफेद गेंद भी बनाती है. कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, पाकिस्तान, जिम्बाब्वे जैसे क्रिकेट खेलने वाले देश करते हैं. वहीं इंग्लैंड, आयरलैंड और वेस्टइंडीज ड्यूक गेंद का इस्तेमाल करते हैं, जो कि इंग्लैंड में ही बनती है. जबकि भारत में एसजी बॉल का इस्तेमाल होता है.

सफेद, लाल और गुलाबी गेंद अब होगी स्मार्ट (तस्वीर: ट्विटर)

कूकाबुरा गेंद की सिलाई मशीन से जबकि ड्यूक और एसजी की गेंदों की सिलाई हाथ से होती है. स्पिन, रिवर्स स्विंग के लिहाज से तीनों गेंदों की अलग-अलग स्वभाव है.

क्रिकेट में गेंद के इस्तेमाल को लेकर क्या है नियम ?

सभी देश अपनी कंडीशन्स के हिसाब से गेंद का इस्तेमाल करते हैं. मेजबान देश अपनी पसंद के हिसाब से बॉल का इस्तेमाल करते हैं. मेजबान चाहे तो दो अलग-अलग सीरीज में दो अलग-अलग कंपनी की गेंदों का इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन ज्यादातर क्रिकेट खेलने वाले देश अपनी कंडीशन्स और टीम की ताकत को देखते हुए ही गेंद का चुनाव करते हैं. मसलन भारत में होने वाले मुकाबले एसजी गेंद से ही खेले जाते हैं, एसजी गेंद को स्पिनर्स के लिए अच्छा माना जाता है और भारत की पिचें स्पिनर्स के मुफीद होती हैं.

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