नई दिल्ली: ऐसे समय में जब असम सरकार ने 'जिहादी गतिविधियों को कथित रूप से संरक्षण देने के लिए मदरसों' को ध्वस्त करने के लिए साहसिक कदम उठाया है, असम सरकार के कैबिनेट और सूचना और जनसंपर्क मंत्री पीयूष हजारिका (Pijush Hazarika) ने भारत के अन्य राज्यों में भी इसी तरह के कदम पर जोर दिया है (Assam Minister on actions against madrasas). हजारिका ने शनिवार को नई दिल्ली में 'ईटीवी भारत' को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, 'भारत भर के राज्यों को ऐसे मदरसों को नष्ट करने की पहल को अपनाना चाहिए जो आतंकवादियों को शरण देते हैं. हमें जिहाद फैलाने वाले मदरसों को रोकना चाहिए.'
भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में अल कायदा से संबद्ध बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी संगठन अंसारुला बांग्ला टीम (एबीटी) के कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद, असम सरकार ने ऐसे मदरसों को ध्वस्त करने की पहल की है जो कथित तौर पर आतंकवादियों को शरण देते हैं. पहला मदरसा 31 अगस्त को निचले असम के बोंगाईगांव जिले में ध्वस्त किया गया. स्थानीय अधिकारियों ने कथित तौर पर जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इसे ध्वस्त किया. अब तक राज्य भर में बुलडोजर की मदद से पांच मदरसों को तोड़ा जा चुका है.
पिछले कुछ महीनों में, असम में सुरक्षा एजेंसियों ने 37 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग एक्यूआईएस और एबीटी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सदस्य पाए गए थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में एक मस्जिद के इमाम और कुछ मदरसा शिक्षक शामिल हैं, जो कथित तौर पर एबीटी के लिए वित्तीय लेनदेन में शामिल थे.
खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने दावा किया कि कुछ जिहादी, मस्जिदों के इमाम या मदरसों के शिक्षकों के रूप में काम कर रहे थे. हजारिका ने कहा, 'हम मदरसों को ध्वस्त नहीं कर रहे हैं बल्कि हम जिहादियों के 'सुरक्षित स्वर्ग' को ध्वस्त कर रहे हैं. ऐसे मदरसों को नष्ट करना कर्तव्य है जो अल कायदा, जिहादी और अन्य जैसे आतंकवादियों को शरण देते हैं.'
उन्होंने कहा कि स्टेट्स के लोग भी सरकार के इस कदम में समर्थन कर रहे हैं. हजारिका ने कहा, 'हमें ऐसे सभी 'अल कायदा कार्यालयों' को नष्ट करने की जरूरत है. दिलचस्प बात यह है कि राज्य के लोग भी हमारा समर्थन कर रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण हाल ही में हुआ जहां स्थानीय लोगों ने असम में एक मदरसे को नष्ट कर दिया.' हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने असम में आठ आरोपी जिहादियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए.