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हरियाणा में एक स्कूल के सभी अध्यापकों का तबादला, टीचर ना होने से धरने पर बैठे बच्चे - नूंह में स्कूल के सभी अध्यापकों का तबादला

हरियाणा में अध्यापकों की कमी पहले से चल रही है. ग्रामीण स्कूलों में अध्यापक ना होने के चलते सरकार छोटे स्कूलों को बंद कर ही है. प्रदेश इस पॉलिसी का विरोध भी हो रहा है. लेकिन नूंह जिले में एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां के एक स्कूल से सभी अध्यापकों का तबादला कर दिया है. जिसके बाद बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे रह गया. छात्र और ग्रामीण इस तबादले के खिलाफ विरोध पर उतर आये हैं.

Pinagawan Government Middle School Mohammadpur
Pinagawan Government Middle School Mohammadpur

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Published : Aug 23, 2022, 3:37 PM IST

नूंह: हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग में अध्यापकों की तबादला प्रक्रिया अगस्त 2022 से शुरू कर दी है. इस ट्रांसफर मुहिम का पूरे प्रदेश में विरोध भी शुरू हो गया है. शिक्षक आरोप लगा रहे हैं कि सरकार स्कूलों को बंद करके उनका निजीकरण करना चाहती है. इसके अलवा इस ट्रांसफर पॉलिसी में बहुत सारी खामिया हैं. शिक्षकों के इस आरोप की बानगी नूंह जिले में देखने को भी मिल चुकी है. सरकार की इस ट्रांसफर नीति से नूंह में स्कूल के सभी अध्यापकों का तबादला कर दिया गया है. ये मिडिल विद्यालय अध्यापक विहीन हो गया है.

नूंह जिले के खंड पिनगवां राजकीय मिडिल स्कूल मोहम्मदपुर गांव (Pinagawan Government Middle School Mohammadpur) से सभी 4 अध्यापकों का तबादला कर दिया गया स्कूल से सभी पद खत्म करने से नाराज ग्रामीणों और बच्चों ने सोमवार को स्कूल पर ताला जड़कर गेट पर धरने पर बैठ गए हैं. इस मौके पर सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ बच्चों और ग्रामीणों में काफी रोष नजर आया. उसके बाद स्कूल अध्यापक और उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने ताला तो खोल दिया लेकिन विरोध जारी है.

हरियाणा में एक स्कूल के सभी अध्यापकों का तबादला, टीचर ना होने से धरने पर बैठे बच्चे

गांव मोहम्मदपुर निवासी राशिद खान और बलेस रानी ने बताया कि उन्हें अध्यापकों के तबादले से कोई नाराजगी नहीं है बल्कि स्कूलों के बंद किये जाने से हैं. सरकार स्कूल से अध्यापकों का तबादला करती है तो उनकी जगह दूसरे अध्यापक भेजे जाएं. लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है. जिससे उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उनके स्कूल में जल्द से जल्द अध्यापकों को भेजा जाए या फिर जो मौजूद अध्यापक हैं उनके तबादले को रोका जाए.

धरने पर बैठे बच्चे और ग्रामीण.

ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में गरीब लोगों के बच्चे ही पढ़ते हैं. जब स्कूल बंद हो जाएंगे तो गरीब अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नहीं पढ़ा सकेंगे. इसलिए सरकार को चाहिए कि सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा खाली पड़े पदों को भरा जाए जिससे गरीब लोग भी अपने बच्चों की पढ़ाई जारी रख सकें. स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा नीतू और लता ने बताया कि उनके स्कूल में पहले ही अध्यापकों की कमी है. अब बचे हुए अध्यापक भी जाएंगे तो उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी. जब अध्यापक नहीं होंगे तो वह पढ़ाई कैसे कर पाएंगी. छात्रों ने सरकार से मांग की है कि उनके स्कूल से अध्यापकों का तबादला ना किया जाये

पिनगवां राजकीय मिडिल स्कूल मोहम्मदपुर.

स्कूल के अध्यापक मुबारक हुसैन ने बताया कि उनके मिडिल स्कूल में 176 बच्चे हैं. जिनके लिए 6 पोस्ट स्वीकृत हैं. जिनकी जगह 4 अध्यापक कार्यरत हैं. अध्यापक के दो पद पहले से खाली हैं. बचे हुए चारों अध्यापकों का सरकार की तबादला नीति के अनुसार ट्रांसफर हो गया है. जबकि स्कूल में कोई दूसरे अध्यापक की नियुक्ति नहीं की गई है. स्कूल में अध्यापक के पदों को सरकार ने खत्म करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा प्राइमरी स्कूल में 444 बच्चे हैं. जिनके लिए 11 अध्यापक और एक हेड मास्टर की पोस्ट है. जिनकी जगह पर एक भी नियमित अध्यापक नहीं है. मात्र 3 अतिथि अध्यापक बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. प्राइमरी और मिडल दोनो स्कूल एक ही कैंपस में चलते हैं.

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