बोस्टन : विमानों को पट्टे या लीज पर देने वाली कंपनियों (लेसर्स) ने अपने बकाये की वसूली के लिए जो मुकदमे किए हैं उनसे किसी को कोई विशेष मदद नहीं मिलने वाली है. स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने यह बात कही है.
सिंह ने कहा कि इस तरह के सभी विवादों का अंतत: समाधान बातचीत से ही होता है. सिंह ने पिछले सप्ताह कहा कि अब स्पाइसजेट के कर्मचारियों को पूरा वेतन समय पर दिया जा रहा है और उनके वेतन से जुड़े सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले महीने स्पाइसजेट को अपनी संपत्तियों का एक हिस्सा अलग कंपनी में स्थानांतरित करने से रोक दिया था. कंपनी को लीज पर संपत्तियां देने वाली एक कंपनी (लेसर) गोशॉक ने अपना 2.5 करोड़ डॉलर का बकाया वसूलने के लिए मुकदमा दायर किया है.
तीन सितंबर को स्पाइसजेट के कर्मचारियों का एक वर्ग दिल्ली हवाईअड्डे पर वेतन में कटौती और उसके अनियमित भुगतान को लेकर थोड़े समय के लिए हड़ताल पर चला गया था.
सिंह ने कहा, 'यह सिर्फ स्पाइसजेट ही नहीं, दुनिया की सभी एयरलाइन के लिए एक मुश्किल समय है.' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इस संकट में टिके रहकर स्पाइसजेट ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. हमने नया कार्गों कारोबार बनाया है. हम मूल कंपनी की देनदारियों को घटाने के लिए कार्गो कारोबार का इस्तेमाल कर रहे हैं.'
गोशॉक के मामले पर एयरलाइन के प्रमुख ने कहा कि वह दुनियाभर में सभी एयरलाइंस के खिलाफ अदालत गई है. 'हम गोशॉक और अन्य पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों के साथ समाधान का प्रयास कर रहे हैं. अंतत: इन सभी विवादों का हल बातचीत से ही होता है.'
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि अदालती प्रक्रिया से किसी को कोई बहुत अधिक मदद मिलती है. परंपरागत रूप से मेरा मानना है कि ऐसे सभी विवादों का समाधान बातचीत से ही होता है.’