श्रीनगर : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में नए निर्वाचन क्षेत्रों के गठन को लेकर जमीनी स्तर की जानकारी लेने के लिए मंगलवार को यहां पहुंच रहे परिसीमन आयोग से पीडीपी और एएनसी को छोड़कर कश्मीर की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां मुलाकात करेंगी.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और अवामी नेशनल कान्फ्रेंस (एएनसी) पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन (पीएजीडी) की घटक हैं.
पीडीपी ने परिसीमन प्रक्रिया से अलग रहने का फैसला किया है और आरोप लगाया है कि आयोग के पास संवैधानिक तथा कानूनी जनादेश का अभाव है और वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के राजनीतिक निशक्तीकरण की समग्र प्रक्रिया का हिस्सा है.
पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी लोन हंजूरा ने आयोग का नेतृत्व कर रहीं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई को संबोधित दो पृष्ठों के पत्र में लिखा कहा है कि उनकी पार्टी ने कार्यवाही से दूर रहने का फैसला किया है और वह ऐसी किसी कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगी, जिसके परिणाम व्यापक रूप से पूर्व नियोजित माने जा रहे हैं और जिससे हमारे लोगों के हित प्रभावित हो सकते हैं.
आयोग को लिखे पत्र में एएनसी ने कहा है कि वह कार्यवाही में भाग नहीं लेगी क्योंकि आयोग की स्थापना को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई है. एएनसी महासचिव मीर मोहम्मद शफी ने पत्र में कहा, इस तरह माननीय उच्चतम न्यायालय के कामकाज में हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा.
हालांकि अन्य दलों ने प्रतिनिधिमंडल से मिलने का फैसला किया है और अपने प्रतिनिधियों को नामित भी कर दिया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग के सदस्यों से मुलाकात और अपने सुझाव रखने के लिए पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नामित किया है. पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि अब्दुल रहीम राथर, मोहम्मद शफी उरी, मियां अल्ताफ अहमद, नासिर असलम वानी और सकीना इत्तू आयोग के सदस्यों से मुलाकात करेंगे.