चंडीगढ़ :कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर पंजाब के 32 किसान संगठन एक मंच पर आ गए हैं. सियासी दलों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज चंडीगढ़ में कचहरी लगाई जिसमें राजनीतिक दलों के नेताओं से किसान नेताओं ने सवाल-जवाब किए. इस कचहरी में हर संगठन का एक किसान नेता शामिल हुआ है. आप को बता दें कि इस मीटिंग में भाजपा नेताओं के आने की मनाही थी.
कचहरी में कांग्रेस की तरफ से पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू पहुंचे. उनके साथ कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा और पंजाब कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी परगट सिंह भी शामिल हुए.
शिअद की तरफ से किसानों के साथ मीटिंग करने के लिए वरिष्ठ नेता बलविन्दर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चन्दूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डॉ.दलजीत सिंह चीमा पहुंचे. अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चन्दूमाजरा ने कहा कि माहौल को ठीक करने के लिए बैठक हो रही है. उन्होंने कहा कि बैठक करके बढ़िया रास्ते निकलते हैं, इस लिए बढ़िया है कि मीटिंग हो रही है.
कृषि कानूनों का विरोध
शिरोमणि अकाली दल (यू) के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि उनकी पार्टी की तरफ से कोई रैली नहीं की गई, लेकिन किसानों के साथ बढ़िया बात होगी. किसानों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई है. जिस तरह से एकजुट होकर मोर्चे की अगुवाई की गई है वह काबिलेतारीफ है. कोरोना के बीच आगामी चुनाव पर उन्होंने कहा कि तारीखों के एलान के बाद रैलियों पर फैसला होगा. वहीं, ब्रहपुरा ने कहा कि 500 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन मोदी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा.