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'देश के ज्यादातर किसान नहीं उठा पाते MSP का लाभ', किसान सभा ने बताई वजह - Kisan Sabha demand from the government

अखिल भारतीय किसान सभा ने मोदी सरकार के कैबिनेट द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने के निर्णय की मंजूरी का स्वागत किया है और इसे किसान आंदोलन की बड़ी जीत बताई है साथ ही यह स्पष्ट किया है कि किसान मोर्चा की बाकी महत्वपूर्ण मांगों को जब तक सरकार नहीं मान लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

अखिल
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Published : Nov 24, 2021, 7:55 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 11:02 PM IST

नई दिल्ली :ऑल इंडिया किसान सभा ने बुधवार को किसानों के मुद्दे पर एक बुकलेट और देश में मौजूदा एमएसपी की वास्तविकता पर आंकड़ों के साथ एक विस्तृत नोट जारी किया. किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मौजूदा एमएसपी की असलियत यह है कि देश के 90% से ज्यादा किसान इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं और उन्हें बाजार दर पर ही अपने उत्पाद को बेचना पड़ता है.

उदाहरण के लिये मौजूदा धान की फसल के बारे में बात करते हुए धावले ने बताया कि धान के लिये घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1970 रुपये प्रति क्विंटल है लेकिन उत्तर प्रदेश में ही किसान अपना धान 1100 रुपये प्रति क्विंटल के दर से बाजार में बेचने को मजबूर हैं.

'देश के ज्यादातर किसान नहीं उठा पाते MSP का लाभ

किसान सभा ने विस्तृत रूप से आंकड़े जारी करते हुए यह मुद्दा भी उठाया है कि मौजूदा स्वरूप में केवल 23 कृषि फसलों पर एमएसपी मिलती है जो सरकार की एजेंसी CACP द्वारा लागत मूल्य के आंकलन के बाद घोषित की जाती है.

किसान सभा का कहना है कि मोदी सरकार किसानों को 6000 रुपये की सम्मान निधि बंद कर दे लेकिन एमएसपी पर अनिवार्य खरीद का कानून तत्काल बना देना चाहिये. किसान नेता मानते हैं कि देश में किसानों की आत्महत्या का मुख्य कारण फसल का पूरा दाम न मिलना है. किसानों को एमएसपी के अनुसार कीमत मिलने से न केवल उनकी क्रय क्षमता बढ़ेगी बल्की इससे उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा और देश की भी तरक्की होगी.

इसके अलवा अशोक धावले ने एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा की सभी मांगों को दोहराते हुए कहा कि ये आंदोलन तब तक वापस नहीं लिया जाएगा जब तक सरकार किसानों से बातचीत कर उनके बाकी मांगों पर विचार नहीं करती.

आंदोलन के दौरान मृतक किसानों के लिये सिंघू बॉर्डर पर समाधि स्थल बनाने की बात भी कही गई है. सरकार से इसके लिये जमीन की मांग की गई है. डॉ अशोक धावले ने कहा कि निर्माण का काम संयुक्त किसान मोर्चा करेगा लेकिन सरकार को जमीन निर्गत करना चाहिये.

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Last Updated : Nov 24, 2021, 11:02 PM IST

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