हैदराबाद : ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ चिट फंड्स ने आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के उस प्रेस नोट पर आपत्ति जताई है, जिसमें उसने मार्गदर्शी (Margadarsi) चिट फंड प्राइवेट लिमिटेड पर कथित अनियमितता का आरोप लगाया है (All India chit fund body backs Margadarsi). एसोसिएशन ने गुरुवार को दावा किया कि मार्गदर्शी चिट फंड प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी.
ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ चिट फंड्स ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सीआईडी पंजीकृत चिट कंपनियों की तुलना पोंजी और बहुस्तरीय विपणन कंपनियों जैसे सहारा, सारदा या सत्यम कंप्यूटर्स से कर रही है, जिनकी विफलता सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और हेराफेरी के कारण हुई थी. एसोसिएशन ने यह भी कहा कि अपने ग्राहकों से जो चिट फंड स्वीकार करते हैं, वह जमा नहीं होते हैं और जिस तरह की संपत्ति उनके पास होती है, उसके लिए मार्गदर्शी तरह की कंपनी के लिए सार्वजनिक धन लेकर भागना असंभव है.
एसोसिएशन ने कहा कि यहां तक कि यह मानते हुए भी कि वित्तीय मध्यस्थ की ओर से कोई उल्लंघन हुआ है/होता है, तो समाधान इसे ठीक करने में निहित है. जैसा कि आरबीआई का भी मानना है. इसके लिए कठोर कदम और प्रचार करना नहीं, जैसा कि इस मामले में देखा जा रहा है. एसोसिएशन ने कहा कि सदस्यता लेने वाली जनता के बीच डर पैदा करना केवल कथित नुकसान को तेजी से आगे बढ़ा सकता है इसलिए ये हमारी चिंता का विषय है.
निकाय ने कहा कि 'यह ध्यान देने योग्य है कि जनता से उनके धन के दुरुपयोग या हेराफेरी या उनकी चिट राशि को मार्गदर्शी से प्राप्त करने में किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं है. सीआईडी ने ईडी और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों से मीडिया जगत के प्रमुख उद्यमी रामोजी राव की कंपनी मार्गदर्शी के मामले में जांच करने को कहा है. उसका कहना है कि उसके रिकॉर्ड में अनियमितता है.'