मुरादाबाद :पंकज त्रिपाठी की हालिया रिलीज फिल्म 'कागज' की कहानी उत्तर प्रदेश के हर तहसील, हर गांव में दिख रही है. कागज़ फिल्म में भले ही भरतलाल का किरदार निभा रहे पंकज को न्याय मिल गया हो, लेकिन हकीकत में हजारों व्यक्ति अभी भी न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. मुरादाबाद में भी एक बुजुर्ग महिला की ऐसी ही कहानी सामने में आई है. इसमें जिले के अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक बुजुर्ग महिला को कागज़ में मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन महिला अभी जिंदा है और खुद को सही साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है.
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल, कुंदरकी ब्लॉक के हरयाना गांव की रहने वाली एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला शरीफन को उनके पति शराफ़त की मौत के बाद विधवा पेंशन आती थी, लेकिन अचानक महिला की पेंशन आनी बंद हो गई. जब बुजुर्ग महिला ने दफ्तरों में जा कर जानकारी जुटाई तो पता लगा कि उसको विधवा पेशन लिस्ट में मृत दिखा कर पेंशन रोक दी गई है. तब से वह बिलारी तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक के चक्कर काट रही है.
महिला ने कई बार की शिकायत
वहीं, जब महिला की विधवा पेंशन आनी बंद हुई तो वह तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस के दिन शिकायत करने अपने परिजनों के साथ पहुंची. फिलहाल इस मामले में अधिकारी जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि महिला को कागज़ में किसने और क्यों मृत घोषित कर दिया.